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भारतीय महिला क्रिकेट टीम को मिला 51 करोड़ रुपये का नकद पुरस्कार

भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने ICC वनडे विश्व कप 2025 में दक्षिण अफ्रीका को हराकर अपना पहला विश्व खिताब जीता है। इस ऐतिहासिक जीत के बाद, BCCI ने टीम के लिए 51 करोड़ रुपये के नकद पुरस्कार की घोषणा की है। कप्तान हरमनप्रीत कौर की अगुवाई में टीम ने 2005 और 2017 के फाइनल में मिली हार को पीछे छोड़ते हुए यह उपलब्धि हासिल की। इस जीत ने न केवल ट्रॉफी जीती, बल्कि सभी भारतीयों का दिल भी जीता। जानें इस जीत के पीछे की कहानी और पुरस्कार की पूरी जानकारी।
 

महिला क्रिकेट टीम को पुरस्कार की घोषणा

महिला क्रिकेट टीम का नकद पुरस्कार: आईसीसी वनडे विश्व कप 2025 के फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को हराकर पहली बार विश्व चैंपियन बनी कप्तान हरमनप्रीत कौर की भारतीय महिला क्रिकेट टीम के लिए खुशखबरी का सिलसिला जारी है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के सचिव देवजीत सैकिया ने टीम के लिए 51 करोड़ रुपये के नकद पुरस्कार की घोषणा की है।


भारत की ऐतिहासिक जीत

भारतीय महिला वनडे टीम ने 2005 और 2017 के विश्व कप फाइनल में मिली हार को पीछे छोड़ते हुए, दक्षिण अफ्रीका को हराकर वनडे और टी20 अंतरराष्ट्रीय प्रारूपों में अपना पहला विश्व खिताब जीता।


सैकिया ने एक साक्षात्कार में कहा, "1983 में कपिल देव ने भारत को विश्व कप जिताकर क्रिकेट में एक नया युग शुरू किया। वही उत्साह और प्रेरणा आज महिलाओं ने दी है। हरमनप्रीत कौर और उनकी टीम ने केवल ट्रॉफी नहीं जीती, बल्कि सभी भारतीयों का दिल भी जीता है।"


उन्होंने कहा, "महिला क्रिकेटरों की अगली पीढ़ी के लिए रास्ता प्रशस्त किया गया है। हमारी टीम ने सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हराकर महिला क्रिकेट को एक नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया।"


सैकिया ने आगे कहा, "जब से जय शाह ने बीसीसीआई का कार्यभार संभाला है, तब से महिला क्रिकेट में कई सकारात्मक बदलाव आए हैं, जिसमें वेतन समानता का मुद्दा भी शामिल है।"


पिछले महीने, आईसीसी अध्यक्ष जय शाह ने महिलाओं की पुरस्कार राशि में 300 प्रतिशत की वृद्धि की। पहले यह राशि 2.88 मिलियन डॉलर थी, जिसे बढ़ाकर 14 मिलियन डॉलर कर दिया गया है। इन सभी कदमों ने महिला क्रिकेट को काफी प्रोत्साहन दिया है। बीसीसीआई ने पूरी टीम के लिए 51 करोड़ रुपये के इनाम की भी घोषणा की है।"


फाइनल में भारत की जीत का सफर

वर्ल्ड कप फाइनल में दक्षिण अफ्रीका ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का निर्णय लिया। स्मृति मंधाना (58 गेंदों में 45 रन, आठ चौके) और शैफाली वर्मा के बीच शतकीय साझेदारी ने भारत की शुरुआत को मजबूत किया। इसके बाद, शेफाली वर्मा (78 गेंदों में 87 रन, सात चौके और दो छक्के) और जेमिमा रोड्रिगेज (37 गेंदों में 24 रन) के बीच 62 रन की साझेदारी हुई। भारत ने 166/2 का मजबूत स्कोर बनाया।


कप्तान हरमनप्रीत कौर (29 गेंदों में 20 रन) और दीप्ति शर्मा के बीच 52 रन की साझेदारी ने भारत को 200 रन के पार पहुंचाया। दीप्ति (58 गेंदों में 58 रन) और ऋचा घोष (24 गेंदों में 34 रन) के अंतिम ओवरों में शानदार प्रदर्शन ने भारत को 50 ओवर में 298/7 के स्कोर तक पहुंचाया। अयाबोंगा खाका (3/58) दक्षिण अफ्रीका की प्रमुख गेंदबाज रहीं।


दक्षिण अफ्रीका का रन चेज

दक्षिण अफ्रीका ने लक्ष्य का पीछा करते हुए पचास रन की साझेदारी से शुरुआत की, जिसमें तज़मिन ब्रिट्स (35 गेंदों में 23 रन) पहली विकेट गवां दीं। कप्तान लौरा वोल्वार्ड्ट के शानदार प्रदर्शन के बावजूद, शैफाली वर्मा (2/36) और श्री चरानी ने दक्षिण अफ्रीका को 148/5 पर ला दिया।


वोल्वार्ड्ट ने एनेरी डेरक्सन (35 गेंदों में 37 रन) के साथ छठे विकेट के लिए 61 रन की साझेदारी की, जिससे भारत पर दबाव बढ़ा। वोल्वार्ड्ट (98 गेंदों में 101 रन) ने अपनी शानदार फॉर्म जारी रखी।


हालांकि, दीप्ति के एक शानदार स्पेल ने दोनों सेट बल्लेबाजों को आउट किया और दक्षिण अफ्रीका को 221/8 पर संघर्ष करने पर मजबूर किया। दीप्ति (5/39) ने वर्ल्ड कप फाइनल में चार विकेट लेकर इतिहास रच दिया, और भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 246 रनों पर समेटकर अपना पहला विश्व कप खिताब जीता।