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भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने वनडे वर्ल्ड कप में ऐतिहासिक जीत दर्ज की

भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने 2 नवंबर को एक ऐतिहासिक पल का अनुभव किया जब हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में टीम ने साउथ अफ्रीका को हराकर अपना पहला वनडे वर्ल्ड कप जीता। इस जीत के साथ, हरमनप्रीत ने ट्रॉफी को मिताली राज, झूलन गोस्वामी और अंजुम चोपड़ा को समर्पित किया, जो भारतीय महिला क्रिकेट के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण था। जानें इस जीत के पीछे की कहानी और खिलाड़ियों के योगदान के बारे में।
 

भारतीय महिला क्रिकेट का सुनहरा क्षण


भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने 2 नवंबर को एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की, जब हरमनप्रीत कौर की अगुवाई में टीम ने साउथ अफ्रीका को हराकर अपना पहला वनडे वर्ल्ड कप जीता। डीवाई पाटिल स्टेडियम में इस जीत के बाद, पूरी टीम ने एक भावुक क्षण साझा किया, जिसमें हरमनप्रीत ने वर्ल्ड कप ट्रॉफी को मिताली राज, झूलन गोस्वामी और अंजुम चोपड़ा को समर्पित किया। यह एक ऐसा इशारा था जो उन दिग्गज खिलाड़ियों के योगदान को सम्मानित करता है।


ट्रॉफी का सम्मान

फाइनल में जीत के बाद, हरमनप्रीत कौर और उनकी टीम ने ट्रॉफी को मिताली राज, झूलन गोस्वामी और अंजुम चोपड़ा को सौंपा। यह क्षण न केवल भावनात्मक था, बल्कि भारतीय महिला क्रिकेट के संघर्ष की कहानी को भी बयां करता है। ये तीनों खिलाड़ी 2005 और 2017 के वर्ल्ड कप में टीम को जीत के करीब ले गई थीं, लेकिन खिताब हासिल नहीं कर पाईं।


हरमनप्रीत का दिल छू लेने वाला बयान

आईसीसी रिव्यू के साथ बातचीत में, हरमनप्रीत ने कहा कि 2022 वर्ल्ड कप में हार के बाद टीम का मनोबल गिर गया था, क्योंकि वह मिताली और झूलन का अंतिम टूर्नामेंट था। उन्होंने बताया कि उस समय उन्होंने और स्मृति मंधाना ने यह संकल्प लिया था कि जब भी भारत अगला वर्ल्ड कप जीतेगा, तो ट्रॉफी उन्हें ही सौंपी जाएगी।


पुराने सितारों का योगदान

हरमनप्रीत ने कहा कि इस जीत में केवल मिताली और झूलन का ही योगदान नहीं था, बल्कि दिग्गज खिलाड़ियों जैसे डायना एडुल्जी, शुभांगी कुलकर्णी और सुधा शाह का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। उन्होंने कहा, "जब हमने इस जीत का सपना देखा, वे सभी हमारे साथ थीं।" उनका मानना है कि महिला क्रिकेट की यह सफलता पूरी पीढ़ी की मेहनत का परिणाम है।


भारत ने शानदार प्रदर्शन से रचा इतिहास

फाइनल में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए एक मजबूत स्कोर बनाया और फिर गेंदबाजी में भी बेहतरीन प्रदर्शन किया। दीप्ति शर्मा ने पांच विकेट लिए, जबकि शैफाली वर्मा ने 87 रन बनाकर दो विकेट भी लिए। भारत ने साउथ अफ्रीका को 52 रनों से हराकर अपना पहला वनडे वर्ल्ड कप जीत लिया, और हरमनप्रीत कौर कपिल देव और एमएस धोनी के बाद तीसरी भारतीय कप्तान बनीं जिन्होंने यह गौरव हासिल किया।