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भारतीय हॉकी का गौरव: 100 वर्षों में 13 ओलंपिक पदक और ऐतिहासिक जीतें

भारतीय हॉकी ने पिछले 100 वर्षों में ओलंपिक खेलों में 13 पदक जीतकर अपनी महानता को साबित किया है। इस लेख में हम भारत की उन 10 ऐतिहासिक जीतों का जिक्र करेंगे, जिन्होंने हॉकी के इतिहास में अमिट छाप छोड़ी है। जानें कैसे मेजर ध्यानचंद और अन्य खिलाड़ियों ने भारत को विश्व हॉकी में एक प्रमुख स्थान दिलाया।
 

भारतीय हॉकी का ऐतिहासिक सफर


भारतीय हॉकी की यात्रा 1925 में ग्वालियर में इंडियन हॉकी फेडरेशन (IHF) की स्थापना के साथ शुरू हुई। अगले वर्ष, भारत ने न्यूजीलैंड का पहला दौरा किया, जहां मेजर ध्यानचंद ने अपने अद्वितीय खेल कौशल से सबका ध्यान आकर्षित किया।


ओलंपिक में 13 पदकों की उपलब्धि

पिछले एक सदी में, भारत ने ओलंपिक खेलों में 13 पदक (8 स्वर्ण, 1 रजत और 4 कांस्य) जीतकर हॉकी में अपनी श्रेष्ठता को साबित किया है। आइए जानते हैं भारत की उन 10 ऐतिहासिक जीतों के बारे में, जिन्होंने खेल के इतिहास में अमिट छाप छोड़ी।


1. एम्स्टर्डम ओलंपिक (1928) – पहला स्वर्ण

हॉकी की अंतरराष्ट्रीय यात्रा के तीन साल बाद, भारत ने एम्स्टर्डम ओलंपिक में नीदरलैंड को 3-0 से हराकर पहला स्वर्ण पदक जीता। इस टूर्नामेंट में भारत के खिलाफ कोई भी गोल नहीं हुआ।


2. लॉस एंजेल्स ओलंपिक (1932) – रिकॉर्ड जीत

चार साल बाद, भारत ने अमेरिका को 24-1 से हराकर लगातार दूसरा स्वर्ण जीता। ध्यानचंद ने 8 और रूप सिंह ने 10 गोल किए। यह जीत हॉकी इतिहास की सबसे बड़ी जीतों में से एक मानी जाती है।


3. बर्लिन ओलंपिक (1936) – गोल्ड की हैट्रिक

मेजर ध्यानचंद की कप्तानी में, भारत ने जर्मनी को 8-1 से हराकर तीसरा लगातार स्वर्ण जीता, जिससे यह साबित हुआ कि हॉकी का असली बादशाह भारत है।


4. लंदन ओलंपिक (1948) – आज़ाद भारत का पहला स्वर्ण

आज़ादी के एक वर्ष बाद, भारत ने ब्रिटेन को 4-0 से हराकर गोल्ड मेडल जीता। यह जीत भारतीय खेल इतिहास का गर्व का क्षण बन गई।


5. हेलसिंकी ओलंपिक (1952) – लगातार पांचवां गोल्ड

भारत ने नीदरलैंड को 6-1 से हराया, जिसमें बलबीर सिंह सीनियर ने अकेले 5 गोल किए, जो आज भी एक रिकॉर्ड है।


6. मेलबर्न ओलंपिक (1956) – पाकिस्तान पर जीत

भारत और पाकिस्तान पहली बार फाइनल में आमने-सामने आए, जहां भारत ने 1-0 से जीत दर्ज कर लगातार छठा स्वर्ण जीता।


7. टोक्यो ओलंपिक (1964) – हार का बदला

1960 के ओलंपिक में मिली हार का बदला भारत ने टोक्यो में लिया, फाइनल में पाकिस्तान को 1-0 से हराकर सातवां गोल्ड जीता।


8. हॉकी वर्ल्ड कप (1975) – भारत का एकमात्र खिताब

कुआलालंपुर में भारत ने पाकिस्तान को हराकर पहली और अब तक की एकमात्र विश्व कप ट्रॉफी अपने नाम की।


9. मॉस्को ओलंपिक (1980) – आखिरी स्वर्ण पदक

14 साल के अंतराल के बाद, भारत ने स्पेन को 4-3 से हराकर अपना आठवां ओलंपिक स्वर्ण जीता।


10. टोक्यो ओलंपिक (2021) – 41 साल बाद कांस्य पदक

लंबे इंतजार के बाद, भारत ने जर्मनी को 5-4 से हराकर कांस्य जीता। इसके बाद पेरिस 2024 में भी टीम इंडिया ने ब्रॉन्ज मेडल पर कब्जा जमाया।