मनोज तिवारी का एमएस धोनी पर आरोप: क्या कप्तान ने किया पक्षपात?
मनोज तिवारी का धोनी पर आरोप
पूर्व भारतीय क्रिकेटर मनोज तिवारी ने महान कप्तान एमएस धोनी पर पक्षपात का आरोप लगाया है। तिवारी, जिन्होंने 2008 में ऑस्ट्रेलिया में धोनी की कप्तानी में भारत के लिए डेब्यू किया था, ने कहा कि उन्हें कभी भी धोनी से समर्थन नहीं मिला। हालांकि चोटों के कारण उनका करियर लंबा नहीं चला, लेकिन उनका मानना है कि धोनी का दो अन्य खिलाड़ियों के प्रति पक्षपात भी उनके करियर में रुकावट का एक बड़ा कारण रहा है।
2015 में खेला था अंतिम मैच
2015 में खेला था आखिरी मैच
तिवारी ने भारत के लिए अपना आखिरी एकदिवसीय मैच 2015 में जिम्बाब्वे में खेला, जब अजिंक्य रहाणे युवा टीम के कप्तान थे। उस समय धोनी और अन्य सीनियर खिलाड़ी आराम कर रहे थे। तिवारी ने वेस्टइंडीज के खिलाफ अपना पहला शतक बनाया, लेकिन इसके बाद भी उन्हें टीम में जगह नहीं मिली। जब वह श्रीलंका दौरे पर लौटे, तो उन्होंने चार विकेट लेकर प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार जीता। अगले मैच में उन्होंने अर्धशतक भी बनाया, लेकिन फिर भी उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया।
धोनी से पूछेंगे- क्यों बाहर किया गया?
धोनी से पूछेंगे- क्यों बाहर किया गया?
तिवारी ने कहा कि जब भी वह धोनी से मिलेंगे, तो वह उनसे यह जरूर पूछेंगे कि उन्हें अधिक मौके क्यों नहीं मिले। उन्होंने कहा, "मैं ऐसा व्यक्ति नहीं हूं जो उस समय कोच या चयनकर्ता को फोन करके इसका जवाब मांगूं। लेकिन मैं धोनी से पूछूंगा कि 100 रन बनाने के बाद मुझे मौका न दिए जाने के क्या कारण थे।"
जो मेरे साथ हुआ है...
जो मेरे साथ हुआ है...
तिवारी ने कहा कि कई खिलाड़ियों ने धोनी के नेतृत्व में युवाओं को समर्थन देने की बात की है, लेकिन उनका अनुभव अलग है। उन्होंने कहा, "अगर धोनी ने सच में अपने खिलाड़ियों का समर्थन किया होता, तो वह मुझे भी समर्थन देते।"
वह मुझे पसंद नहीं करते थे
वह मुझे पसंद नहीं करते थे
तिवारी ने यह भी कहा कि धोनी उन्हें पसंद नहीं करते थे। उन्होंने कहा, "हर कोई धोनी को पसंद करता है, लेकिन मेरे मामले में मुझे नहीं पता। शायद वह मुझे पसंद नहीं करते थे।"