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महानआर्यमन सिंधिया बने एमपीसीए के अध्यक्ष: क्रिकेट और परिवार का गहरा रिश्ता

महानआर्यमन सिंधिया ने हाल ही में मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष का पद संभाला है, जिससे वे इस पद पर पहुंचने वाले सिंधिया परिवार के तीसरे सदस्य बन गए हैं। उनके दादा और पिता भी इस पद पर रह चुके हैं। महानआर्यमन की शिक्षा और करियर की पृष्ठभूमि उन्हें इस भूमिका में एक मजबूत आधार प्रदान करती है। जानें उनके क्रिकेट प्रशासन में योगदान और भविष्य की योजनाएं।
 

सिंधिया परिवार का क्रिकेट में योगदान


राजीव रंजन तिवारी | 'समरथ को नहीं दोष गुसाईं।' यह प्रसिद्ध चौपाई गोस्वामी तुलसीदास जी के काव्यग्रंथ श्री रामचरितमानस से ली गई है। इसका अर्थ है कि सक्षम व्यक्ति पर कोई दोष नहीं लगाया जा सकता। देश की राजनीति में परिवारवाद का मुद्दा हमेशा चर्चा में रहता है, लेकिन सिंधिया परिवार पर कोई उंगली नहीं उठा सकता। महानआर्यमन सिंधिया ने हाल ही में मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (एमपीसीए) के अध्यक्ष का पद संभाला है। वे इस पद पर पहुंचने वाले सिंधिया परिवार के तीसरे सदस्य हैं। उनके पिता ज्योतिरादित्य और दादा माधवराव भी इस पद पर रह चुके हैं।


महानआर्यमन का शिक्षा और करियर

महानआर्यमन सिंधिया, जो 29 वर्ष के हैं, ने 2 सितंबर को एमपीसीए के अध्यक्ष के रूप में निर्विरोध चुनाव जीता। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दून स्कूल, देहरादून से प्राप्त की और फिर येल यूनिवर्सिटी से पॉलिटिकल साइंस में बैचलर डिग्री हासिल की। इसके बाद, उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में भी अध्ययन किया। उनके पास विभिन्न संस्थानों में इंटर्नशिप का अनुभव है, जिसमें भूटान का ग्रॉस नेशनल हैप्पीनेस सेंटर और भारत के वित्त मंत्रालय शामिल हैं।


सिंधिया परिवार का क्रिकेट में प्रभाव

सिंधिया परिवार का क्रिकेट प्रशासन में एक लंबा इतिहास रहा है। 1982 से, जब माधवराव सिंधिया अध्यक्ष बने, तब से यह परिवार एमपीसीए में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 2006 से 2014 तक इस पद को संभाला। उनके कार्यकाल के दौरान, ग्वालियर में एक नया क्रिकेट स्टेडियम बनाने की योजना बनी। हाल ही में, महानआर्यमन ने कहा कि वे गांव-गांव से क्रिकेट प्रतिभाओं को खोजने और मध्य प्रदेश में अधिक अंतरराष्ट्रीय मैच आयोजित करने की योजना बना रहे हैं।


महानआर्यमन का भविष्य

महानआर्यमन सिंधिया का क्रिकेट में पदार्पण कितना सफल होगा, यह देखने वाली बात होगी। उनके प्रभावशाली परिवार की पृष्ठभूमि उन्हें एक मजबूत आधार प्रदान करती है। अब यह देखना है कि वे अपने दादा और पिता की तरह क्रिकेट प्रशासन में अपनी छाप छोड़ पाएंगे या नहीं।