महिला क्रिकेट में ऐतिहासिक जीत: भारत ने जीता ICC Women's World Cup 2025
भारत की महिला क्रिकेट टीम ने रचा इतिहास
मुंबई: भारत की महिला क्रिकेट टीम ने नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में आईसीसी महिला वनडे विश्व कप जीतकर एक नया इतिहास रच दिया है। इस शानदार जीत ने न केवल देश को गर्वित किया, बल्कि एक भावनात्मक क्षण भी प्रस्तुत किया जिसने सभी क्रिकेट प्रेमियों का दिल जीत लिया। महिला टीम ने अपनी इस उपलब्धि को मिताली राज, झूलन गोस्वामी और अंजुम चोपड़ा जैसी महान खिलाड़ियों को समर्पित किया, जो इस सपने को पूरा नहीं कर पाईं।
अश्विन ने महिला टीम की सराहना की
पूर्व भारतीय ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने महिला टीम की इस संवेदनशील पहल की प्रशंसा की। अपने यूट्यूब चैनल पर उन्होंने कहा कि महिला टीम ने जो किया, वह वास्तव में दिल को छू लेने वाला था। उन्होंने मिताली राज और झूलन गोस्वामी को ट्रॉफी सौंपकर उनके योगदान को सम्मानित किया। अश्विन ने कहा कि यह केवल एक जीत नहीं थी, बल्कि उस भावना की जीत थी जो दर्शाती है कि वर्तमान खिलाड़ी अपने पूर्वजों को कितना मान देते हैं।
अश्विन की और टिप्पणियाँ
अश्विन ने आगे कहा कि खिलाड़ी अक्सर अपनी पीढ़ी की तारीफ करते हैं और पुरानी पीढ़ी को भुला देते हैं, लेकिन महिला टीम ने ऐसा नहीं किया। उन्होंने कहा कि कभी-कभी मीडिया में हम केवल यह कहते हैं कि हमारी टीम सबसे अच्छी है, लेकिन कोई यह नहीं कहता कि हम यहां तक पहुंचे हैं क्योंकि किसी ने पहले राह बनाई। महिला टीम ने इस सोच को बदल दिया है। हरमनप्रीत कौर की टीम ने न केवल जीत हासिल की, बल्कि भारतीय क्रिकेट की आत्मा को एक नया आयाम दिया है, जहां सम्मान, समर्पण और एकता खेल से भी ऊपर हैं।
झूलन गोस्वामी की भावनाएँ
झूलन गोस्वामी की आंखों में छलके भावनाओं के आंसू: इस ऐतिहासिक जीत का सबसे भावुक क्षण तब आया जब झूलन गोस्वामी, जिन्होंने 2022 में संन्यास लिया था, ट्रॉफी को अपने हाथों में थामकर रो पड़ीं। उनके आंसू वर्षों की मेहनत और अधूरे सपनों का प्रतीक थे। झूलन ने बताया कि पिछले साल उनकी टीम की कुछ जूनियर खिलाड़ी आधी रात को उनके कमरे में आईं और बोलीं, 'दीदी, हम तुम्हारे लिए यह वर्ल्ड कप जीतेंगे।' आज उन्होंने वह वादा पूरा कर दिया।
महिला क्रिकेट के लिए नई सुबह
महिला क्रिकेट के लिए नई सुबह: भारत की इस जीत ने न केवल 2005 और 2017 के फाइनल में मिली हार का बदला लिया, बल्कि महिला क्रिकेट के इतिहास में एक नया अध्याय भी जोड़ा। इस जीत ने यह संदेश दिया कि भारतीय महिला खिलाड़ी अब किसी से कम नहीं हैं; वे खेल, अनुशासन और सम्मान, तीनों में आदर्श हैं। यह जीत केवल एक ट्रॉफी नहीं है, बल्कि उस भावना का सम्मान है जिसने भारतीय क्रिकेट को नई पहचान दी है।