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महेला जयवर्धने की ऐतिहासिक 374 रन की पारी

महेला जयवर्धने ने 2006 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट मैच में 374 रन बनाकर क्रिकेट इतिहास में एक नया अध्याय लिखा। उनकी इस अद्भुत पारी ने न केवल श्रीलंका को जीत दिलाई, बल्कि यह पारी आज भी क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में बसी हुई है। संगकारा के साथ उनकी 624 रनों की साझेदारी ने भी रिकॉर्ड बनाया। जानें इस ऐतिहासिक पारी के बारे में और जयवर्धने के कोचिंग करियर के बारे में।
 

महिला जयवर्धने का अद्भुत प्रदर्शन

मुंबई इंडियंस का नाम सुनते ही चैंपियन टीम का ख्याल आता है। इस फ्रेंचाइजी में विश्व के सबसे बेहतरीन खिलाड़ी शामिल होते हैं, जो इसे ट्रॉफी के लिए एक मजबूत दावेदार बनाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस टीम के एक सदस्य ने टेस्ट क्रिकेट में एक अद्भुत पारी खेली थी? इस खिलाड़ी ने अकेले 374 रन बनाकर इतिहास रच दिया था। तो आइए जानते हैं कि वह बल्लेबाज कौन है जिसने गेंदबाजों को परेशान कर दिया।


374 रनों की ऐतिहासिक पारी

जिस खिलाड़ी ने टेस्ट मैच में 374 रन बनाए, वह श्रीलंका के पूर्व कप्तान महेला जयवर्धने हैं। यह मैच 2006 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ कोलंबो में खेला गया था। जयवर्धने ने 572 गेंदों में 374 रन बनाए, जिसमें 43 चौके और 1 छक्का शामिल था। उनकी यह पारी न केवल श्रीलंका के लिए, बल्कि विश्व क्रिकेट के लिए भी एक मिसाल बन गई। इस पारी के चलते श्रीलंका ने साउथ अफ्रीका को एक पारी और 153 रनों से हराया।


संगकारा के साथ साझेदारी

महेला जयवर्धने की इस पारी की खास बात यह थी कि उन्होंने कुमार संगकारा के साथ मिलकर तीसरे विकेट के लिए 624 रनों की साझेदारी की। यह साझेदारी आज भी टेस्ट क्रिकेट की सबसे बड़ी साझेदारी मानी जाती है। संगकारा ने इस मैच में 287 रन बनाए, जबकि जयवर्धने ने अपने बल्ले से इतिहास रच दिया।


श्रीलंका की जीत में योगदान

साउथ अफ्रीका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए केवल 169 रन बनाए। इसके बाद जब श्रीलंका की टीम बल्लेबाजी करने उतरी, तो जयवर्धने और संगकारा ने शानदार प्रदर्शन किया। टीम ने 5 विकेट पर 756 रन बनाकर पारी घोषित की। इसके बाद श्रीलंकाई गेंदबाजों ने साउथ अफ्रीका को दूसरी पारी में 434 रन पर समेट दिया। इस तरह श्रीलंका ने यह मैच एक पारी और 153 रनों से जीत लिया।


कोच के रूप में योगदान

महेला जयवर्धने ने क्रिकेट से रिटायरमेंट के बाद मुंबई इंडियंस के कोच के रूप में भी अपनी छाप छोड़ी। उनके मार्गदर्शन में टीम ने कई खिताब जीते और उनकी रणनीतिक ताकत में वृद्धि हुई। जयवर्धने का क्रिकेटिंग दिमाग और शांत स्वभाव उन्हें अन्य कोचों से अलग बनाता है।