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रेलवे ने यात्रियों की कंबल संबंधी शिकायतों के समाधान के लिए नई पहल की

रेलवे ने यात्रियों की कंबल से जुड़ी शिकायतों को दूर करने के लिए एक नई पहल की है, जिसमें कंबल के साथ कवर भी प्रदान किया जाएगा। यह योजना फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरू की गई है। रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस पहल के बारे में जानकारी दी और बताया कि यह योजना अन्य ट्रेनों में भी लागू की जाएगी। इसके अलावा, नई वंदे भारत स्लीपर में अपर बर्थ को आरामदायक बनाने के लिए विशेष डिज़ाइन किया गया है।
 

नई व्यवस्था का परिचय

नई दिल्ली - रेलवे ने यात्रियों की कंबल से जुड़ी समस्याओं को हल करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब ट्रेनों में यात्रियों को कंबल के साथ कवर भी प्रदान किया जाएगा। यह योजना वर्तमान में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू की गई है। रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह जानकारी गुरुवार को साझा की।


यात्रियों की चिंताओं का समाधान

अश्विनी वैष्णव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि रेलवे में कंबल का उपयोग लंबे समय से हो रहा है, लेकिन यात्रियों में हमेशा एक संदेह बना रहता था। इस संदेह को समाप्त करने के लिए यह नई पहल की गई है, जिसके तहत ट्रेनों में कंबल के साथ कवर भी दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस योजना को फिलहाल जयपुर से चलने वाली एक ट्रेन में लागू किया गया है। पायलट प्रोजेक्ट के परिणामों के आधार पर इसे अन्य ट्रेनों में भी लागू किया जाएगा।


सुविधाओं में वृद्धि

केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि छोटे स्टेशनों पर सुविधाओं में सुधार किया गया है। प्लेटफार्म की ऊँचाई, लंबाई और कवरिंग पर काम किया गया है। यात्रियों की जानकारी के लिए साइन बोर्ड भी लगाए जा रहे हैं, जो राजस्थान के लगभग 65 स्टेशनों पर स्थापित किए गए हैं। इसके अलावा, नई वंदे भारत स्लीपर में अपर बर्थ को और आरामदायक बनाया गया है, ताकि सभी आयु वर्ग के लोग आसानी से इसका उपयोग कर सकें।


नई डिज़ाइन की विशेषताएँ

वंदे भारत प्रोजेक्ट के निदेशक निशुंक गर्ग ने बताया कि यात्रियों की धारणा है कि अपर बर्थ आरामदायक नहीं होता और इसमें चढ़ने में कठिनाई होती है। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए, नई वंदे भारत स्लीपर को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि सभी आयु वर्ग के लोग आसानी से अपर बर्थ तक पहुँच सकें।