शिमला-मटौर फोरलेन परियोजना: ट्रैफिक सुधार और पर्यटन को बढ़ावा
फोरलेन निर्माण कार्य की प्रगति
शिमला-मटौर फोरलेन: नौणी से भराड़ी सेक्शन में जब 70% निर्माण कार्य पूरा होगा, तब सभी प्रमुख चौराहों का विस्तार और सौंदर्यीकरण किया जाएगा। इससे यातायात सुगम होगा, यात्रा सुरक्षित बनेगी और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इस सेक्शन से जुड़ी संपर्क सड़कों को लगभग 100 मीटर तक चौड़ा किया जाएगा, ताकि गांवों और कस्बों से आने वाले वाहन आसानी से फोरलेन में प्रवेश कर सकें।
परियोजना का बजट और समयसीमा
इस प्रोजेक्ट के लिए भराड़ीघाट से नौणी तक के सेक्शन के लिए 640 करोड़ रुपये का टेंडर पहले ही जारी किया जा चुका है। हालांकि, वन विभाग की मंजूरी में देरी के कारण कार्य शुरू होने में लगभग एक वर्ष का समय लगा। अब काम तेजी से चल रहा है और इसे अगले दो वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। शिमला से धर्मशाला के बीच कई चौराहे हैं जो ट्रैफिक के लिए चुनौतीपूर्ण बनते हैं। इन चौराहों का विस्तार और सौंदर्यीकरण यात्रा को और अधिक आरामदायक बनाएगा। मैदानी क्षेत्रों से आने वाले लोग पहाड़ी यात्रा में भी मैदानी सड़कों जैसा अनुभव करेंगे।
परियोजना निदेशक की जानकारी
परियोजना निदेशक विक्रम मीणा ने बताया कि वर्तमान में फोरलेन के निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। जैसे ही निर्माण एक निश्चित स्तर तक पहुंचेगा, सभी चौराहों को ट्रैफिक के लिए सुरक्षित और आकर्षक बनाया जाएगा। इससे स्थानीय निवासियों और पर्यटकों दोनों को यात्रा में सुविधा मिलेगी।
पर्यटन और आर्थिक विकास
पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा:
शिमला और धर्मशाला जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों को जोड़ने वाले इस फोरलेन पर कई चौराहे हैं। जब इन चौराहों का विस्तार और सजावट की जाएगी, तो मैदानी क्षेत्रों से आने वाले लोगों को पहाड़ों में भी साफ, सुरक्षित और आरामदायक यात्रा का अनुभव मिलेगा। इससे न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय लोगों की आय और प्रदेश की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी।