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संजय मांजरेकर ने रोहित शर्मा को महान बल्लेबाजों की सूची से बाहर रखा

पूर्व भारतीय क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने रोहित शर्मा को सर्वकालिक महान बल्लेबाजों की सूची से बाहर रखा है। उन्होंने कहा कि टेस्ट क्रिकेट में प्रदर्शन को अधिक महत्व दिया जाना चाहिए। रोहित के आंकड़े भी प्रभावशाली हैं, लेकिन क्या वे महानता की कसौटी पर खरे उतरते हैं? जानें इस विवादास्पद बयान के पीछे की वजह और सोशल मीडिया पर चल रही बहस।
 

मांजरेकर का विवादास्पद बयान

पूर्व भारतीय क्रिकेटर संजय मांजरेकर, जो अपने स्पष्ट बयानों के लिए जाने जाते हैं, ने हाल ही में एक नई बहस को जन्म दिया है। उन्होंने भारतीय कप्तान रोहित शर्मा को देश के सर्वकालिक महान बल्लेबाजों की सूची से बाहर रखा है। मांजरेकर का मानना है कि रोहित एक उत्कृष्ट सीमित ओवरों के बल्लेबाज हैं, लेकिन जब बात 'महानता' की आती है, तो टेस्ट क्रिकेट में प्रदर्शन सबसे महत्वपूर्ण होता है।


मांजरेकर ने "दूरदर्शन" के एक कार्यक्रम में कहा, "जब हम गावस्कर, तेंदुलकर, द्रविड़ और विराट जैसे दिग्गजों की चर्चा करते हैं, तो रोहित शर्मा उस सूची में नहीं आते।" उन्होंने यह भी बताया कि 'ऑल-टाइम इंडियन बैटिंग ग्रेट' की सूची में लाल गेंद के खेल के प्रदर्शन को अधिक महत्व दिया जाना चाहिए। उनके अनुसार, रोहित का सफेद गेंद के क्रिकेट में दबदबा है, लेकिन टेस्ट में वह उन ऊंचाइयों को नहीं छू पाए हैं जो अन्य दिग्गजों ने हासिल की हैं।


हालांकि, रोहित शर्मा के टेस्ट आंकड़े भी कमज़ोर नहीं हैं। उन्होंने 67 टेस्ट मैचों में 40.57 की औसत से 4,301 रन बनाए हैं, जिसमें 12 शतक और 18 अर्धशतक शामिल हैं। विशेष रूप से, ओपनर के रूप में उनका रिकॉर्ड और भी प्रभावशाली है, जहां उन्होंने 66 पारियों में 42.81 की औसत से रन बनाए हैं, जिसमें 9 शतक शामिल हैं।


इस साल भारत को चैंपियंस ट्रॉफी जिताने के बाद, 38 वर्षीय रोहित शर्मा ने मई में इंग्लैंड दौरे से पहले टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। पिछले साल टी20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद उन्होंने T20I फॉर्मेट को भी अलविदा कहा। मांजरेकर के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर फैंस के बीच एक नई बहस छिड़ गई है कि महानता का पैमाना क्या होना चाहिए और भारतीय क्रिकेट में रोहित शर्मा की विरासत को कैसे देखा जाना चाहिए।