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संजू सैमसन का राजस्थान रॉयल्स से अलग होने का निर्णय, जोस बटलर की भूमिका प्रमुख

राजस्थान रॉयल्स के कप्तान संजू सैमसन ने फ्रेंचाइजी छोड़ने की इच्छा व्यक्त की है, जो जोस बटलर को रिलीज करने के निर्णय से जुड़ी है। सैमसन ने बटलर के साथ अपने गहरे रिश्ते और इस फैसले की कठिनाई के बारे में बात की है। जानें इस क्रिकेट कहानी के पीछे की सच्चाई और सैमसन के विचार।
 

संजू सैमसन का राजस्थान रॉयल्स से अलग होने का निर्णय

संजू सैमसन: राजस्थान रॉयल्स (RR) के कप्तान संजू सैमसन का फ्रेंचाइजी छोड़ने की इच्छा ने क्रिकेट की दुनिया में हलचल मचा दी है। यह इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के सबसे लंबे रिश्तों में से एक के समाप्त होने का संकेत हो सकता है। हाल ही में आई खबरों के अनुसार, इस निर्णय के पीछे इंग्लैंड के स्टार खिलाड़ी जोस बटलर की महत्वपूर्ण भूमिका है।


संजू सैमसन और राजस्थान रॉयल्स के बीच कई मुद्दों पर असहमति सामने आई है। इनमें सबसे बड़ा कारण जोस बटलर को रिलीज करने का निर्णय है। एक रिपोर्ट के अनुसार, सैमसन इस बात से नाखुश थे कि फ्रेंचाइजी ने 2025 IPL मेगा ऑक्शन से पहले बटलर को रिटेन नहीं किया। राजस्थान रॉयल्स ने अपनी 6 रिटेंशन की पूरी कोटा का उपयोग करते हुए संजू सैमसन, यशस्वी जायसवाल, रियान पराग, ध्रुव जुरेल, शिमरन हेटमायर और संदीप शर्मा को रिटेन किया।


संजू सैमसन और जोस बटलर का गहरा रिश्ता

संजू सैमसन ने 2025 सीजन के दौरान जियोहॉटस्टार से बातचीत में कहा था, "IPL आपको एक टीम की कप्तानी करने और उच्च स्तर पर खेलने का अवसर देता है। साथ ही, यह आपको गहरी दोस्ती बनाने का मौका भी देता है। जोस बटलर मेरे सबसे करीबी दोस्तों में से एक हैं। हमने सात साल तक एक साथ खेला। हमारी बल्लेबाजी साझेदारी के दौरान हम एक-दूसरे को बहुत अच्छे से समझने लगे। वह मेरे लिए बड़े भाई की तरह रहे। जब भी मुझे कोई संदेह होता, मैं उनसे बात करता। 2021 में जब मैं कप्तान बना, तब उन्होंने मेरे डिप्टी के रूप में मुझे बेहतर कप्तान बनने में मदद की।"


बटलर को खोना रहा मुश्किल

सैमसन ने बटलर को रिलीज करने के निर्णय को अपने लिए सबसे कठिन बताया। स्टार स्पोर्ट्स से बातचीत में उन्होंने कहा, "बटलर को छोड़ना मेरे लिए सबसे चुनौतीपूर्ण फैसला था। इंग्लैंड सीरीज के दौरान मैंने उनसे डिनर पर कहा कि मैं अब भी इस फैसले से उबर नहीं पाया हूं।"


सैमसन ने आगे कहा, "अगर मैं IPL में एक चीज बदल सकता, तो वह होगी खिलाड़ियों को हर तीन साल में रिलीज करने का नियम। इस नियम के अपने फायदे हैं लेकिन व्यक्तिगत रूप से आप उस रिश्ते को खो देते हैं, जो वर्षों में बनता है। बटलर हमारे परिवार का हिस्सा थे।"