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साउथ अफ्रीका के कोच के विवादास्पद बयान पर क्रिकेट जगत में हलचल

गुवाहाटी टेस्ट में साउथ अफ्रीका के कोच शुक्री कोनराड के 'ग्रोवल' बयान ने क्रिकेट जगत में विवाद खड़ा कर दिया है। अनिल कुंबले और चेतेश्वर पुजारा ने इस पर अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। जानें इस बयान का ऐतिहासिक संदर्भ और खिलाड़ियों की प्रतिक्रियाएं।
 

गुवाहाटी टेस्ट में साउथ अफ्रीका का विशाल लक्ष्य


नई दिल्ली: गुवाहाटी में चल रहे टेस्ट मैच के चौथे दिन, साउथ अफ्रीका ने अपनी दूसरी पारी को बढ़ाते हुए भारत के सामने 549 रनों का विशाल लक्ष्य रखा। मैच की स्थिति उनके पक्ष में थी, लेकिन हेड कोच शुक्री कोनराड के एक बयान ने क्रिकेट की दुनिया में हलचल मचा दी।


कोनराड का विवादास्पद बयान

कोनराड ने कहा कि वे चाहते थे कि भारत को 'ग्रोवल' करना पड़े, यानी उन्हें मैदान पर घंटों मेहनत करनी पड़े और फिर भी हार माननी पड़े। यह शब्द न केवल एक बयान था, बल्कि क्रिकेट के इतिहास में एक काले अध्याय का प्रतीक भी बन गया।


'ग्रोवल' शब्द का ऐतिहासिक संदर्भ

1976 में इंग्लैंड के कप्तान टोनी ग्रीग ने वेस्टइंडीज के खिलाफ इसी शब्द का प्रयोग किया था, जिससे कैरिबियन खिलाड़ियों को नस्लीय अपमान का सामना करना पड़ा। उस समय, क्लाइव लॉयड की टीम ने ग्रीग के बयान का जवाब बल्ले से दिया और सीरीज 3-0 से जीत ली। अब, 50 साल बाद, साउथ अफ्रीका के कोच ने उसी शब्द का इस्तेमाल किया।


अनिल कुंबले की कड़ी प्रतिक्रिया

भारत के पूर्व कोच और सफल गेंदबाज अनिल कुंबले ने इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "इस शब्द का एक गहरा इतिहास है। पचास साल पहले इंग्लैंड के कप्तान ने यही कहा था और सभी जानते हैं कि उसके बाद क्या हुआ।"


कुंबले ने आगे कहा, "साउथ अफ्रीका ने सीरीज लगभग जीत ली है, लेकिन जब आप आगे होते हैं, तो शब्दों का चयन सोच-समझकर करना चाहिए। जीत के समय विनम्रता सबसे महत्वपूर्ण होती है।"


पुजारा की प्रतिक्रिया

चेतेश्वर पुजारा ने भी कोनराड के बयान पर निराशा व्यक्त की, लेकिन उन्होंने टीम इंडिया को सही दिशा में आगे बढ़ने की सलाह दी। उन्होंने कहा, "यह सुनकर दुख होता है, लेकिन हमें अपने खेल पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।"


पुजारा ने कहा, "टीम को इस स्थिति में पहुंचने का कारण यह है कि हमने अच्छा क्रिकेट नहीं खेला। हमें जवाब बल्ले से देना होगा, न कि जुबान से।"