सूर्यकुमार यादव का पाकिस्तान से हाथ न मिलाने का फैसला: एशिया कप में क्रिकेट और राजनीति का संगम
सूर्यकुमार यादव का निर्णय
भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान सूर्यकुमार यादव ने एशिया कप के सुपर 4 मुकाबले के टॉस के दौरान पाकिस्तान टीम से हाथ न मिलाने का निर्णय लिया। यह कदम टीम और बीसीसीआई द्वारा समर्थन प्राप्त था, जिसका उद्देश्य भारतीय खिलाड़ियों की एकता और देशभक्ति को दर्शाना था। एक हफ्ते पहले इसी मैदान पर भारत ने पाकिस्तान को सात विकेट से हराया था, लेकिन उस मैच के अंत में भारतीय खिलाड़ियों ने पारंपरिक हाथ मिलाने से मना कर दिया था.
सूर्यकुमार का संदेश
उस समय, सूर्यकुमार ने भारत की जीत को देश के सशस्त्र बलों को समर्पित किया और कहा कि उनकी टीम पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों के साथ खड़ी है। यह टिप्पणी भारत की लगातार दूसरी जीत के संदर्भ में महत्वपूर्ण मानी गई, खासकर मई में ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के साथ पहली भिड़ंत के समय.
मोहसिन नक़वी का दौरा
रविवार के मुकाबले से पहले, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के अध्यक्ष मोहसिन नक़वी ने दुबई में आईसीसी अकादमी का दौरा किया। नक़वी ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों और मुख्य कोच माइक हेसन से बातचीत की और कप्तान सलमान अली आगा को भी बुलाकर निर्देश दिए। इस दौरे ने अटकलें बढ़ा दीं कि अगर पाकिस्तान जीतता है तो यह राजनीतिक संदेश देने की कोशिश हो सकती है.
प्रेस कॉन्फ़्रेंस का रद्द होना
पाकिस्तान ने एशिया कप में लगातार दूसरी बार मैच से पहले अपनी प्रेस कॉन्फ़्रेंस रद्द कर दी, जिससे टीम के भीतर अशांति की चर्चा बढ़ गई। पिछले मुकाबले में भारत ने पाकिस्तान को 128 रनों का लक्ष्य केवल 15.5 ओवर में हासिल कर लिया था। इस जीत के बाद, सूर्यकुमार की अगुवाई में भारतीय खिलाड़ियों ने फिर से हाथ मिलाने से मना कर दिया और पहलगाम आतंकी हमले के 26 पीड़ितों के परिवारों के प्रति एकजुटता का संदेश दिया.
क्रिकेट, राजनीति और भावनात्मक एकजुटता
इस प्रकार, सुपर 4 मुकाबले में क्रिकेट की राजनीति और भावनात्मक एकजुटता का मिश्रण देखने को मिला, जहां खेल के साथ-साथ सामाजिक और राजनीतिक संकेत भी जुड़े रहे.