आदासो कपेसा: SPG में पहली महिला अधिकारी की प्रेरणादायक यात्रा
प्रधानमंत्री मोदी के दौरे में आदासो कपेसा की पहचान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया ब्रिटेन दौरे के दौरान एक तस्वीर ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी। इस तस्वीर में प्रधानमंत्री के पीछे खड़ी एक महिला अधिकारी का आत्मविश्वास और शांति ने सभी का ध्यान खींचा। यह महिला अधिकारी कोई और नहीं, बल्कि भारत के विशेष सुरक्षा समूह (SPG) की पहली महिला सदस्य, आदासो कपेसा हैं। उनकी उपलब्धि न केवल उनके लिए, बल्कि पूरे देश की महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई है।आदासो कपेसा का परिचय
आदासो कपेसा मणिपुर के सेनापति जिले के काइबी गांव से हैं। उनकी यात्रा साधारण परिस्थितियों से शुरू हुई, लेकिन उन्होंने कभी अपने सपनों को सीमित नहीं किया। स्थानीय स्कूल से शिक्षा पूरी करने के बाद, उन्होंने सशस्त्र सीमा बल (SSB) में शामिल होकर सुरक्षा क्षेत्र में कदम रखा।
SSB में अपनी मेहनत और अनुशासन के चलते, वे जल्दी ही वरिष्ठ अधिकारियों की नजरों में आ गईं। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में 55वीं बटालियन में तैनाती के दौरान उनका प्रदर्शन उत्कृष्ट रहा। उनकी मेहनत और साहस ने उन्हें SPG में शामिल होने का अवसर प्रदान किया, जिसके लिए उन्हें शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की कठोर परीक्षाएं पास करनी पड़ीं।
SPG की चुनौतियाँ और आदासो का संघर्ष
SPG, जो प्रधानमंत्री और उनके परिवार की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है, में भर्ती होना एक बड़ी चुनौती है। इसमें हथियार प्रशिक्षण, मार्शल आर्ट्स, बम निरोधक कौशल और गुप्त मिशनों की तैयारी शामिल है। आदासो ने 2020 में इस कठिन कमांडो प्रशिक्षण को सफलतापूर्वक पूरा किया और 2024 में प्रधानमंत्री की सुरक्षा टीम में शामिल होकर इतिहास रच दिया।
एक पुरुष प्रधान सुरक्षा बल में महिला अधिकारी के रूप में उनकी उपस्थिति न केवल SPG के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए महिला सशक्तिकरण का प्रतीक है। आदासो की यात्रा यह दर्शाती है कि सीमित संसाधनों और पृष्ठभूमि के बावजूद, दृढ़ निश्चय और अनुशासन से कोई भी व्यक्ति ऊंचाइयों तक पहुंच सकता है।
SPG का परिचय और सामाजिक प्रभाव
1985 में स्थापित SPG की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री की ‘ज़ीरो एरर’ सुरक्षा सुनिश्चित करना है। यह बल विभिन्न केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों जैसे आईपीएस, CRPF, CISF, BSF और SSB के कर्मियों से मिलकर बना है और इसके सदस्यों को सशस्त्र एवं असशस्त्र दोनों प्रकार की कड़ी ट्रेनिंग दी जाती है।
आदासो कपेसा की SPG में तैनाती ने देश के सामाजिक माहौल पर भी सकारात्मक प्रभाव डाला है। विशेषकर मणिपुर और पूर्वोत्तर के लोगों में गर्व की लहर दौड़ गई है। सोशल मीडिया पर आदासो को ‘नारी शक्ति’ और ‘राष्ट्रीय गौरव’ के रूप में सम्मानित किया जा रहा है। उनकी सफलता ने युवतियों में न केवल सेना और सुरक्षा बलों में करियर बनाने की इच्छा जागृत की है, बल्कि यह भी दिखाया है कि भारत में महिलाओं के लिए अब किसी भी क्षेत्र में सीमाएं नहीं रहीं।