काबुल में लाउडस्पीकर शोर से परेशान नागरिक, बैन की मांग
काबुल में लाउडस्पीकर का शोर
नई दिल्ली: अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के लोग इन दिनों एक गंभीर समस्या का सामना कर रहे हैं - लाउडस्पीकर का असहनीय शोर। गलियों और बाजारों में ठेले लगाने वाले विक्रेताओं द्वारा उपयोग किए जा रहे लाउडस्पीकर अब केवल व्यापार का साधन नहीं रह गए हैं, बल्कि यह ध्वनि प्रदूषण का एक बड़ा कारण बन गए हैं, जिससे आम लोगों का शांति भंग हो रहा है।
स्थानीय निवासियों ने इस बढ़ती समस्या पर चिंता जताते हुए अधिकारियों से त्वरित कार्रवाई की अपील की है। उनका कहना है कि इन लाउडस्पीकरों के तेज शोर ने सार्वजनिक स्थानों को अव्यवस्थित और शोरगुल का केंद्र बना दिया है।
काबुल के निवासी उमर ने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा, "सुबह 6 बजे से ही मिनरल वाटर बेचने वालों का शोर शुरू हो जाता है। उन्हें इस बात की परवाह नहीं होती कि किसी के घर में बीमार व्यक्ति या बच्चा सो रहा हो सकता है। यह शोर शाम तक लगातार जारी रहता है।"
एक अन्य नागरिक फिरोज ने भी शिकायत की कि यह शोर रात 9-10 बजे तक जारी रहता है। उन्होंने सरकार से इन लाउडस्पीकरों के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की है। कुछ लोगों ने सुझाव दिया है कि यदि पूर्ण रोक संभव नहीं है, तो कम से कम आवाज की तीव्रता को नियंत्रित किया जाए या इन्हें कुछ विशेष क्षेत्रों तक सीमित किया जाए।
हालांकि, प्रशासन इस समस्या से अवगत है, लेकिन इसे नियंत्रित करने में उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। एक नगर निगम अधिकारी ने कहा, "हमने पहले ही हजारों लाउडस्पीकर जब्त किए हैं और लोगों से सहयोग की अपील कर रहे हैं। लेकिन पुरानी आदतें बदलना आसान नहीं है।"
काबुल नगर पालिका के प्रतिनिधि नीमतुल्लाह बरकजई ने बताया कि इस समस्या का समाधान करने के लिए दोहरी रणनीति अपनाई जा रही है। उन्होंने कहा, "हम सांस्कृतिक जागरूकता अभियान चला रहे हैं। स्कूलों, मस्जिदों और मोहल्लों में लोगों को ध्वनि प्रदूषण के खतरों के बारे में शिक्षित किया जा रहा है।"
अधिकारियों का मानना है कि शोर काबुल की बाजार संस्कृति का एक हिस्सा बन चुका है, जिसे समाप्त करना एक कठिन कार्य है। पहले विक्रेताओं को लिखित मूल्य-पट्टिकाओं का उपयोग करने की सलाह दी गई थी, लेकिन इन अपीलों का कोई खास असर नहीं हुआ और ध्वनि प्रदूषण आज भी काबुल के लिए एक बड़ी चुनौती बना हुआ है।