किसानों ने 98 दिन के धरने के बाद मनाई काली दिवाली
किसानों का धरना जारी
चर्की दादरी समाचार: 2023 के रबी और खरीफ फसलों के बीमा मुआवजे की जांच और भरपाई के लिए संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा बाढड़ा बिजली कार्यालय परिसर में धरना 98वें दिन भी जारी रहा। धरनास्थल पर उपस्थित सभी किसानों ने सरकार की अनदेखी के खिलाफ काली दीवाली मनाई और जमकर नारेबाजी की।
किसानों की समस्याएं
धरने को संबोधित करते हुए श्योराण खाप के अध्यक्ष बिजेंद्र बेरला ने कहा कि वर्तमान सरकार किसानों और कृषि व्यवस्था को कमजोर कर रही है और कारपोरेट घरानों को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने बताया कि किसानों को डीएपी और यूरिया के लिए भटकना पड़ रहा है, जबकि करोड़ों रुपये जमा करने के बावजूद उनके ट्यूबवेल का कनेक्शन नहीं मिल रहा है।
किसान पिछले 98 दिनों से धरने पर हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों को नजरअंदाज कर रही है। लगातार प्राकृतिक आपदाओं के कारण किसानों की स्थिति गंभीर हो गई है और वे कर्ज के जाल में फंसते जा रहे हैं। सरकार को तुरंत कदम उठाने की आवश्यकता है।
सरकार की नीतियों पर सवाल
किसान सभा के जिलाध्यक्ष रणधीर कुगड़ ने कहा कि सरकार किसानों के हितों की रक्षा के नाम पर केवल दिखावा कर रही है। उन्होंने 19 अक्टूबर को बड़े रोष प्रदर्शन और काली दीवाली मनाने का निर्णय लिया है।
किसानों ने आरोप लगाया कि 2023 के बकाया कपास बीमा क्लेम में कृषि विभाग के अधिकारियों ने 450 करोड़ रुपये के क्लेम को घटाकर 100 करोड़ रुपये कर दिया है, जिससे 350 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है।
धरने में शामिल किसान नेता
धरने में किसान सभा के कई नेता शामिल हुए, जिनमें रणधीर कुगड़, राजकुमार हड़ौदी, नसीब मोद, प्रताप सिंह, युदवीर सिंह, ओमप्रकाश नंबरदार, महावीर सिंह, और अन्य शामिल थे।