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ग्रेटा थनबर्ग का गाजा के लिए मानवीय सहायता अभियान, इजरायल ने रोका

ग्रेटा थनबर्ग, पर्यावरण कार्यकर्ता, गाजा के लिए मानवीय सहायता भेजने के प्रयास में हैं, लेकिन इजरायल ने उन्हें रोक दिया है। पिछले तीन महीनों से गाजा में नाकेबंदी के कारण लोग भुखमरी का सामना कर रहे हैं। थनबर्ग और उनके साथी इस नाकाबंदी को तोड़ने के लिए जहाज लेकर निकले हैं। जानें इस साहसिक यात्रा की पूरी कहानी और इजरायल की प्रतिक्रिया।
 

ग्रेटा थनबर्ग का साहसिक कदम

"हम ऐसा इसलिए कर रहे हैं, चाहे हमारे सामने कितनी भी कठिनाईयां क्यों न हो, हमें कोशिश करते रहना है। जिस क्षण हम प्रयास करना बंद कर देते हैं, उसी क्षण हम अपनी मानवता भी खो देते हैं।" यह कहना है पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग का, जो इस समय एक जहाज के माध्यम से गाजा पट्टी पहुंचने का प्रयास कर रही हैं। जहाज में गाजा के निवासियों के लिए खाद्य सामग्री और अन्य आवश्यक वस्तुएं मौजूद हैं। इजरायल ने पिछले तीन महीनों से गाजा की पूर्ण नाकेबंदी कर रखी है, जिससे वहां खाद्य सामग्री नहीं पहुंच पा रही है। गाजा की अधिकांश आबादी भुखमरी का सामना कर रही है, और हालात इतने गंभीर हैं कि कई बच्चों की मौत हो चुकी है। इजरायल न केवल स्वयं मानवीय सहायता भेजने की अनुमति नहीं दे रहा, बल्कि अन्य देशों को भी ऐसा करने से रोक रहा है। ऐसे में 22 वर्षीय ग्रेटा और उनके 11 साथी इस नाकाबंदी को तोड़ने के लिए जहाज लेकर निकले हैं। 


पिछले प्रयासों की विफलता

पिछले महीने भी एक समान प्रयास किया गया था, लेकिन जहाज को माल्टा के अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में पहुंचने से पहले ही ड्रोन द्वारा नष्ट कर दिया गया था। इस पर इजरायल पर आरोप लगे थे, लेकिन उसने इस मामले में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया। हाल ही में, इजरायल की सेना ने गाजा में मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए जा रहे एक जहाज को रोक दिया और ग्रेटा थनबर्ग सहित अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। फ्रीडम फ्लोटिला कोलिशन नामक संगठन ने इस यात्रा का आयोजन किया था, जिसका उद्देश्य गाजा में मानवीय सहायता पहुंचाना और इजरायल की नाकाबंदी का विरोध करना था। संगठन ने आरोप लगाया कि इजरायली सेना ने सामाजिक कार्यकर्ताओं का अपहरण किया है और उनके पहले से रिकॉर्ड किए गए संदेश जारी किए हैं। 


इजरायल का प्रतिक्रिया

संगठन ने एक बयान में कहा कि जहाज पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया है। जहाज के असैन्य चालक दल के सदस्यों का अपहरण कर लिया गया और जीवन रक्षक सामग्री जैसे शिशु फॉर्मूला, भोजन और चिकित्सा आपूर्ति को जब्त कर लिया गया। इजरायल के विदेश मंत्रालय ने इस यात्रा को एक जनसंपर्क का हथकंडा बताया और सोशल मीडिया पर कहा कि यह 'सेल्फी जहाज' सुरक्षित रूप से इजरायल के तट पर पहुंच रहा है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि यात्री अपने देश लौट जाएंगे और सहायता स्थापित माध्यमों से गाजा पहुंचाई जाएगी। बाद में मंत्रालय ने फुटेज जारी किया जिसमें इजरायली सैनिक सामाजिक कार्यकर्ताओं को सैंडविच और पानी देते हुए दिखाई दे रहे हैं। 


थनबर्ग का संदेश

जलवायु कार्यकर्ता थनबर्ग 'फ्रीडम फ्लोटिला कोलिशन' के 'मैडलीन' नामक जहाज पर सवार 12 सामाजिक कार्यकर्ताओं में से एक थीं, जो एक सप्ताह पहले सिसिली से रवाना हुए थे। रास्ते में जहाज ने चार प्रवासियों को बचाने के लिए भी रुकावट की, जो लीबिया के तट रक्षक द्वारा हिरासत में लिए जाने से बचने के लिए कूद गए थे। थनबर्ग ने पूर्व में रिकॉर्ड किए गए संदेश में कहा कि वह अपने सभी दोस्तों, परिवार और साथियों से आग्रह करती हैं कि वे स्वीडन की सरकार पर दबाव डालें ताकि उन्हें और अन्य लोगों को जल्द से जल्द रिहा किया जा सके। मैडलीन पर सवार लोगों में थनबर्ग और फलस्तीनी मूल की रीमा हसन भी शामिल हैं।


सोशल मीडिया पर इजरायल का बयान