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दिल्ली में कांवड़ यात्रा से स्थानीय निवासियों को हो रही परेशानी

दिल्ली में कांवड़ यात्रा के चलते स्थानीय निवासियों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। सड़कें जाम, तेज म्यूजिक और स्वास्थ्य संबंधी चिंताएँ इस यात्रा के दौरान बढ़ गई हैं। पुलिस ने विशेष व्यवस्थाएँ की हैं, लेकिन स्थानीय लोग अभी भी शांति की कमी महसूस कर रहे हैं। जानें इस यात्रा के दौरान क्या हो रहा है और पुलिस की क्या प्रतिक्रिया है।
 

दिल्ली कांवड़ यात्रा की चुनौतियाँ

दिल्ली कांवड़ यात्रा: दिल्ली में कांवड़ यात्रा स्थानीय निवासियों के लिए समस्याओं का कारण बन गई है। कई लोग इस बात की शिकायत कर रहे हैं कि यात्रा के चलते सड़कें जाम हो गई हैं, तेज म्यूजिक बज रहा है और उनका दैनिक जीवन प्रभावित हो रहा है। बड़े ट्रकों से लगातार म्यूजिक बजने के कारण कांवड़ मार्ग पर रहने वाले लोगों को काफी दिक्कतें हो रही हैं। इसके बावजूद, स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस इस समस्या के समाधान के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है।


इस समस्या का सबसे अधिक असर दक्षिण, दक्षिण-पूर्व, पूर्व और दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के क्षेत्रों में देखा जा रहा है, जहाँ कई निवासी शोर के कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को लेकर चिंतित हैं।


विशेष इंतजामों की जानकारी

हर जिले में यात्रा के लिए विशेष इंतजाम:


दिल्ली पुलिस का कहना है कि उन्होंने हर जिले में यात्रा के लिए विशेष व्यवस्थाएँ की हैं। शुक्रवार को लगभग 200 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें अधिकतर ट्रैफिक और लाउड म्यूजिक से संबंधित थीं। दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी, आश्रम और महारानी बाग जैसे क्षेत्रों में शोर की समस्या बढ़ गई है। निवासियों का कहना है कि लाउड म्यूजिक के कारण बच्चों की पढ़ाई और बुजुर्गों का आराम प्रभावित हो रहा है। 


पुलिस अधिकारियों ने बताया कि वे शांति बनाए रखने के लिए प्रयासरत हैं। लगभग 600 पुलिसकर्मी प्रतिदिन तीन शिफ्ट में काम कर रहे हैं। दक्षिणी दिल्ली में, लोगों ने शिकायत की है कि तीर्थयात्री रात में मुख्य सड़कों को छोड़कर स्थानीय गलियों में घुस रहे हैं, जिससे कॉलोनियों में शोर और यातायात की समस्या उत्पन्न हो रही है। 


पूर्वी दिल्ली में, एनएच 9, एनएच 24, विकास मार्ग और अक्षरधाम जैसे स्थानों पर भी कांवड़ यात्रियों की भीड़ देखी जा रही है। पूर्वी दिल्ली पुलिस का कहना है कि वे शिकायतों पर कार्रवाई कर रहे हैं। उनके पास 1,000 से अधिक कर्मचारी ड्यूटी पर हैं, जो तीर्थयात्रियों से बातचीत कर उन्हें आवाज कम करने के लिए कह रहे हैं।