दिल्ली से इंदौर जा रही फ्लाइट में तकनीकी समस्या: पायलट ने किया सुरक्षित लैंडिंग
दिल्ली से इंदौर की उड़ान में तकनीकी समस्या
एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट IX-1028, जो दिल्ली से इंदौर के लिए उड़ान भर रही थी, में शुक्रवार को एक तकनीकी समस्या के कारण हलचल मच गई। पायलट को विमान के इंजन में खराबी का संकेत मिला, जिसमें कुल 161 यात्री सवार थे। हालांकि, पायलट ने स्थिति को संभालते हुए विमान को सुरक्षित रूप से इंदौर में उतार लिया, जिससे उड़ान में लगभग 20 मिनट की देरी हुई।
पैन-पैन कॉल का महत्व
पैन-पैन कॉल क्या है?
जैसे ही पायलट ने तकनीकी समस्या का पता लगाया, उसने एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) को पैन-पैन कॉल भेजी। यह कॉल किसी गंभीर लेकिन जानलेवा स्थिति को दर्शाने के लिए होती है, जो मेडे कॉल से कम गंभीर मानी जाती है। इसका उद्देश्य त्वरित सहायता प्राप्त करना है।
इंदौर एयरपोर्ट पर सुरक्षा उपाय
इंदौर एयरपोर्ट पर तुरंत एक्शन
इंदौर एयरपोर्ट के निदेशक विपिनकांत सेठ ने बताया कि जैसे ही पैन-पैन कॉल मिली, सभी आवश्यक सावधानियां बरती गईं। अग्निशामक दल और चिकित्सा टीम को तुरंत अलर्ट किया गया। विमान ने सुबह 9:55 बजे देवी अहिल्याबाई होल्कर हवाई अड्डे पर लैंड किया, जबकि इसकी निर्धारित लैंडिंग सुबह 9:35 बजे थी।
पायलट की जिम्मेदारी
पायलट ने निभाई जिम्मेदारी
एयर इंडिया एक्सप्रेस के प्रवक्ता ने बताया कि लैंडिंग से पहले इंजन के तेल फिल्टर में संभावित गड़बड़ी देखी गई थी। पायलट ने मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) का पालन करते हुए प्राथमिकता लैंडिंग की मांग की। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह आपातकालीन लैंडिंग नहीं थी, बल्कि एक एहतियातन कदम था।
पैन-पैन और मेडे में अंतर
मेडे और पैन-पैन में अंतर
विमानन सेवाओं में पैन-पैन और मेडे दो महत्वपूर्ण संकेत हैं। मेडे का उपयोग तब किया जाता है जब स्थिति जानलेवा होती है, जैसे आग लगना या इंजन फेल होना। वहीं, पैन-पैन का उपयोग तब होता है जब स्थिति गंभीर होती है, लेकिन तत्काल खतरे वाली नहीं।
पिछली घटनाएं
पहले भी हुई थी ऐसी घटना
इससे पहले भी एक समान स्थिति सामने आई थी, जब दिल्ली से इंदौर जा रहे एयर इंडिया के एक अन्य विमान को इंजन में आग लगने के संकेत के कारण उड़ान के कुछ समय बाद ही दिल्ली लौटना पड़ा था। उस समय मेडे कॉल दी गई थी, लेकिन बाद में इसे पैन-पैन में बदल दिया गया। विमान को सुरक्षित रूप से दिल्ली में उतारा गया था।