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बदरीनाथ हाईवे मलबे से फिर हुआ बंद, तीर्थयात्री परेशान

उत्तराखंड के बदरीनाथ हाईवे पर मलबा गिरने से यात्री परेशान हैं। प्रशासन ने मलबा हटाने का कार्य शुरू किया है, लेकिन पहाड़ी इलाकों में मौसम की गंभीरता और भूस्खलन की आशंका बनी हुई है। गुजरात से आए तीर्थयात्रियों को यात्रा में काफी समय लग रहा है। जानें इस स्थिति के बारे में और क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
 

बदरीनाथ हाईवे पर मलबा

उत्तराखंड के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल बदरीनाथ को जोड़ने वाला हाईवे एक बार फिर मलबे के कारण अवरुद्ध हो गया है। सुबह से ही पागलनाला, नंदप्रयाग, गौचर के पास कमेड़ा और अन्य स्थानों पर भारी मलबा गिरने से वाहनों की लंबी कतारें लग गई हैं। तीर्थयात्री, जो इस समय बदरीनाथ और अन्य धार्मिक स्थलों की यात्रा पर हैं, सड़क खुलने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।


हालांकि, प्रशासन ने मलबा हटाने का कार्य तेजी से शुरू कर दिया है, लेकिन पहाड़ी क्षेत्र में अभी भी मलबा जमा है, जिससे रास्ते के फिर से बंद होने का खतरा बना हुआ है। सड़क से जुड़े मुद्दों पर प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित किया है, लेकिन पहाड़ी इलाकों में मौसम की गंभीरता और भूस्खलन हमेशा एक चिंता का विषय है।


गुजरात से आए तीर्थयात्रियों ने बताया कि श्रीनगर से पीपलकोटी तक पहुंचने में उन्हें लगभग 16 घंटे का समय लगा, जबकि यह सामान्यतः चार से पांच घंटे का रास्ता है। उनके अनुसार, रास्ते में कई बार वाहन रुकने से समय बढ़ा।


गौचर के पास कमेड़ा और सिमली-ग्वालदम-अल्मोड़ा हाईवे के कुछ हिस्सों में भी मलबे के कारण हाईवे बंद है। बारिश और भूस्खलन के कारण लगातार पहाड़ों से मलबा गिर रहा है, जिससे सड़कों पर मलबे के ढेर लगे हुए हैं।


जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने स्थिति पर अपडेट देते हुए कहा, "हमारी टीमें सभी प्रभावित स्थानों पर मलबा हटाने का कार्य लगातार कर रही हैं। हमारा उद्देश्य जल्द से जल्द मार्ग को फिर से बहाल करना है, ताकि यात्रा में कोई और बाधा न आए।"


हालांकि, मलबा हटाने का कार्य जारी है, लेकिन इस प्रकार के भूस्खलन और अवरोध हर साल सामने आते हैं। उत्तराखंड के पहाड़ी रास्तों की सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं। सड़क निर्माण और रखरखाव पर समय रहते ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में तीर्थयात्रियों को ऐसी समस्याओं का सामना न करना पड़े।


बदरीनाथ हाईवे के बंद होने से यात्री अपनी यात्रा में बाधित महसूस कर रहे हैं। कई यात्री रास्ते में रुकने के बाद थक-हारकर स्थानीय ढाबों पर बैठकर इंतजार कर रहे हैं, जबकि प्रशासन का दावा है कि जल्द ही रास्ता खोल दिया जाएगा। इस स्थिति में प्रशासन को जल्द से जल्द ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि आने वाले दिनों में यात्रा को और भी सुगम बनाया जा सके।