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मायावती ने जातीय जनगणना पर सरकार से की ईमानदारी से कार्य पूरा करने की अपील

बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने जातीय जनगणना को लेकर सरकार से ईमानदारी से कार्य पूरा करने की अपील की है। उन्होंने भाजपा के कार्यकाल की उपलब्धियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि जनगणना का कार्य जनकल्याण से जुड़ा है और इसे समय पर पूरा किया जाना चाहिए। हाल ही में हुई बैठकों में पार्टी के सदस्यों को सजग करने और संगठन की तैयारी पर चर्चा की गई। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया है।
 

जातीय जनगणना का महत्व

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने एक बार फिर सरकार से आग्रह किया है कि जातीय जनगणना का कार्य देश के हित में ईमानदारी से पूरा किया जाना चाहिए।


मायावती ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा कि भाजपा ने अपने 11 वर्षों के कार्यकाल में जो उपलब्धियां बताई हैं, वे वास्तविकता में लोगों की गरीबी, बेरोजगारी और दुख-दर्द को दूर करने में कितनी प्रभावी रही हैं, इसका जवाब जनता सही समय पर देगी।


उन्होंने यह भी कहा कि देश में राष्ट्रीय और जातीय जनगणना का कार्य कांग्रेस के समय से लंबित था, लेकिन अब इस पर प्रक्रिया शुरू हो गई है। यह जनगणना जनकल्याण से सीधे जुड़ी हुई है और इसे समय पर ईमानदारी से पूरा किया जाना चाहिए। केंद्र को इस पर ध्यान देना चाहिए।


मायावती ने बताया कि पार्टी के सदस्यों को सही तथ्यों से अवगत कराने और सजग करने के लिए उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में छोटी-छोटी बैठकों के माध्यम से विचार-विमर्श जारी है। यह अभियान उनके द्वारा लगातार चलाया जा रहा है। हाल ही में पूर्वांचल में पार्टी संगठन की तैयारी और जनाधार बढ़ाने के संबंध में बैठक हुई थी।


ज्ञात हो कि केंद्र सरकार ने जनगणना के लिए अधिसूचना जारी कर दी है, जिससे जातीय जनगणना का रास्ता साफ हो गया है। मार्च 2027 की रेफरेंस तिथि से पूरे देश में जातीय जनगणना कराई जाएगी। पहाड़ी राज्यों में यह कार्यक्रम अक्टूबर 2026 में पूरा किया जाएगा। इस मुद्दे पर राजनीतिक दलों की सक्रियता बढ़ गई है।