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राजस्थान में युवाओं के लिए विश्वकर्मा युवा उद्यमी योजना: व्यवसाय शुरू करने का सुनहरा अवसर

राजस्थान में युवाओं के लिए विश्वकर्मा युवा उद्यमी योजना एक महत्वपूर्ण अवसर है, जो उन्हें 2 करोड़ रुपये तक का ऋण और ब्याज में छूट प्रदान करती है। यह योजना 18 से 45 वर्ष के युवाओं को अपने व्यवसाय की शुरुआत में मदद करने के लिए बनाई गई है। विशेष रूप से महिलाओं और विशेष वर्गों के लिए अतिरिक्त सुविधाएं भी उपलब्ध हैं। जानें इस योजना के बारे में और कैसे आप इसका लाभ उठा सकते हैं।
 

युवाओं के लिए नया व्यवसाय शुरू करने का अवसर

राजस्थान के युवा जो अपना व्यवसाय स्थापित करने का सपना देख रहे हैं, उनके लिए राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण योजना की घोषणा की है। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने हाल ही में विश्वकर्मा युवा उद्यमी योजना का विवरण साझा किया है, जो युवाओं को एक नई दिशा और उज्जवल भविष्य की ओर ले जाने का अवसर प्रदान करेगी। इस योजना के तहत, राज्य सरकार 2 करोड़ रुपये तक का ऋण उपलब्ध कराएगी, साथ ही ब्याज में छूट भी दी जाएगी, जिससे वित्तीय बोझ कम होगा।


इस योजना का मुख्य उद्देश्य युवाओं को अपने व्यवसाय की शुरुआत में सहायता प्रदान करना है। यदि आपकी आयु 18 से 45 वर्ष के बीच है और आप नया व्यवसाय शुरू करने की सोच रहे हैं, तो आप इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। चाहे आप एक छोटी दुकान खोलना चाहें या बड़े व्यवसाय को उन्नत करना चाहते हों, योजना के तहत बैंकों से 2 करोड़ रुपये तक का ऋण प्राप्त किया जा सकता है।


एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि राज्य सरकार ब्याज पर 8 प्रतिशत तक की सब्सिडी प्रदान करेगी। यह छूट ऋण की राशि के आधार पर होगी, और अधिकतम 8 प्रतिशत की सब्सिडी 2 करोड़ रुपये तक के लोन पर मिलेगी। इस पहल के माध्यम से युवा अपने व्यवसाय की शुरुआत के लिए वित्तीय चुनौतियों से बच सकते हैं और आर्थिक रूप से स्वतंत्र बन सकते हैं।


महिलाओं, दिव्यांगों, अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए इस योजना में विशेष सुविधाएं भी उपलब्ध हैं। यदि कोई व्यक्ति इन वर्गों से संबंधित है और 1 करोड़ से 2 करोड़ रुपये के बीच का ऋण लेता है, तो उसे ब्याज पर 1 प्रतिशत तक की अतिरिक्त छूट मिलेगी। इसके अलावा, ग्रामीण क्षेत्रों में व्यवसाय शुरू करने वालों, बुनकरों और कलाकारों को भी विशेष लाभ मिलेगा।


योजना में केवल ब्याज पर सब्सिडी ही नहीं, बल्कि मार्जिन मनी की भी व्यवस्था की गई है। इसका अर्थ है कि सरकार ऋण राशि का 25 प्रतिशत या अधिकतम 5 लाख रुपये तक की अतिरिक्त राशि आवेदक को प्रदान करेगी। यह सहायता केवल तब मिलेगी जब आवेदक अपना ऋण चुकता कर दे। इस कदम से राज्य सरकार का उद्देश्य युवाओं पर वित्तीय बोझ कम करना है, ताकि वे आसानी से अपने व्यवसाय की शुरुआत कर सकें।