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विश्व पर्यटन सप्ताह 2025 का शुभारंभ महेंद्रगढ़ में

महेंद्रगढ़ में विश्व पर्यटन सप्ताह 2025 का उद्घाटन हुआ, जिसमें 26 सितम्बर तक विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। इस कार्यक्रम का उद्देश्य पर्यटन के महत्व को उजागर करना और सतत् पर्यटन पद्धतियों को बढ़ावा देना है। उद्घाटन समारोह में कुलपति ने व्यावहारिक ज्ञान के महत्व पर जोर दिया। साइकिल रैली और पारंपरिक खेलों के आयोजन के साथ, यह सप्ताह छात्रों को उद्योग की वास्तविकताओं से जोड़ने का प्रयास करेगा। जानें इस सप्ताह की अन्य गतिविधियों के बारे में।
 

महेंद्रगढ़ में विश्व पर्यटन सप्ताह का उद्घाटन


  • 26 सितम्बर तक विभिन्न गतिविधियों का आयोजन


महेंद्रगढ़ में सोमवार को विश्व पर्यटन सप्ताह 2025 का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय के पर्यटन एवं होटल प्रबंधन विभाग द्वारा संचालित किया जा रहा है, जिसमें 26 सितम्बर तक पर्यटन के महत्व और सतत् पर्यटन पद्धतियों पर केंद्रित कई गतिविधियाँ होंगी। उद्घाटन समारोह में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेशवर कुमार ने पर्यटन शिक्षा में व्यावहारिक ज्ञान के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से छात्रों को उद्योग की वास्तविकताओं को समझने में सहायता मिलती है और इवेंट मैनेजमेंट का महत्व भी स्पष्ट होता है।


साइकिल रैली का आयोजन

कार्यक्रम के पहले दिन, विश्वविद्यालय परिसर और आस-पास के क्षेत्रों में पर्यावरण-अनुकूल यात्रा को बढ़ावा देने के लिए साइकिल रैली का आयोजन किया गया। इस रैली में छात्रों और प्राध्यापकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और जिम्मेदार पर्यटन का संदेश फैलाया।


पर्यटन एवं होटल प्रबंधन विभाग के प्रमुख प्रो. रणबीर सिंह ने भारत की अर्थव्यवस्था में पर्यटन के योगदान पर प्रकाश डालते हुए इसे आर्थिक विकास और रोजगार सृजन का एक महत्वपूर्ण साधन बताया। कार्यक्रम संयोजक डॉ. विकास सिवाच ने सप्ताह भर चलने वाले कार्यक्रम की रूपरेखा साझा की और सतत् पर्यटन के महत्व पर जोर दिया, ताकि सांस्कृतिक, प्राकृतिक और आर्थिक संसाधनों का संरक्षण भविष्य की पीढ़ियों के लिए सुनिश्चित हो सके।


पारंपरिक खेलों का आयोजन

डॉ. सिवाच ने बताया कि आयोजन के दूसरे दिन सांस्कृतिक धरोहर को पुनर्जीवित करने और युवाओं को देशी खेलों से जोड़ने के लिए पारंपरिक खेलों का आयोजन किया जाएगा। इसके बाद तीसरे दिन ट्रेजर हंट प्रतियोगिता का आयोजन होगा। चौथे दिन, पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व के ढोसी तीर्थ स्थल का भ्रमण किया जाएगा।


इस दिन 'पर्यटन एवं सतत् रूपांतरण' विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन भी किया जाएगा। उद्घाटन सत्र का संचालन डॉ. शिखा ने किया और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अनिल द्वारा प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर आयोजन सचिव डॉ. जितेन्द्र, डॉ. लोकेश और डॉ. अमित भी उपस्थित रहे।