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स्पेन का भूतिया एयरपोर्ट: 10,000 करोड़ रुपये की बर्बादी

स्पेन का रियल सिउदाद एयरपोर्ट, जो 10,000 करोड़ रुपये की लागत से बना था, अब वीरान पड़ा है। इसकी असफलता का मुख्य कारण इसकी गलत लोकेशन है, जो मैड्रिड से 200 किलोमीटर दूर है। उद्घाटन के बाद से ही यह एयरपोर्ट यात्रियों की कमी का सामना कर रहा था, जिसके चलते एयरलाइंस ने अपनी सेवाएं बंद कर दीं। जानें इस भूतिया एयरपोर्ट की पूरी कहानी और इसके बंद होने के पीछे के कारण।
 

स्पेन का रियल सिउदाद एयरपोर्ट

मैड्रिड: सोचिए, अगर सरकार 10,000 करोड़ रुपये का विशाल बजट खर्च करके एक शानदार एयरपोर्ट बनाए, और वह केवल तीन साल में वीरान हो जाए। यह कोई काल्पनिक कहानी नहीं है, बल्कि स्पेन के 'रियल सिउदाद एयरपोर्ट' की वास्तविकता है। यह एयरपोर्ट, जो कभी यूरोप का सबसे बड़ा एविएशन हब बनने का सपना देखता था, आज अपनी बर्बादी के लिए रो रहा है और इसे स्पेन का 'भूतिया एयरपोर्ट' कहा जाता है।


इस एयरपोर्ट का उद्घाटन 2009 में हुआ था, और इसकी भव्यता अद्भुत थी। लगभग 11,383 करोड़ रुपये (1.1 बिलियन यूरो) की लागत से बने इस एयरपोर्ट में यूरोप का सबसे लंबा 4.1 किलोमीटर का रनवे था, और इसकी सालाना एक करोड़ यात्रियों को संभालने की क्षमता थी। लेकिन इसके बावजूद, यह प्रोजेक्ट पूरी तरह से असफल रहा, और इसका मुख्य कारण इसकी गलत लोकेशन थी। यह एयरपोर्ट मैड्रिड से लगभग 200 किलोमीटर दूर स्थित था, जो यात्रियों के लिए बेहद असुविधाजनक साबित हुआ। यह स्थिति ऐसी थी जैसे किसी को दिल्ली से उड़ान भरनी हो, लेकिन एयरपोर्ट चंडीगढ़ में बना हो।


एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने वादा किया था कि मैड्रिड से एयरपोर्ट तक हाई स्पीड ट्रेन चलाई जाएगी, जिससे यात्रा का समय केवल एक घंटे का रह जाएगा, लेकिन वह स्टेशन कभी अस्तित्व में नहीं आया। कनेक्टिविटी की कमी के कारण यात्रियों की संख्या इतनी कम हो गई कि एयरलाइंस ने अपनी सेवाएं बंद कर दीं। 2011 में यहां से आखिरी फ्लाइट उड़ी और महज तीन साल में एयरपोर्ट बंद हो गया।


बंद होने के बाद, यह एयरपोर्ट लगभग 3100 करोड़ रुपये के भारी कर्ज में डूब गया। जब इसे नीलाम करने का समय आया, तो एक चीनी कंपनी ने इस 11,000 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट के लिए केवल 10 लाख रुपये की बोली लगाई, जो इस प्रोजेक्ट की विफलता पर नमक छिड़कने जैसा था। लंबी कानूनी लड़ाई के बाद, 2018 में यह एयरपोर्ट अपनी लागत से बहुत कम कीमत, लगभग 580 करोड़ रुपये में बिका। 2019 में इसे दोबारा खोला गया, लेकिन यात्रियों के लिए नहीं। आज यह भव्य इमारत केवल पुराने और टूटे विमानों को पार्क करने, उनकी मरम्मत करने या कबाड़ में बदलने के गोदाम के रूप में इस्तेमाल हो रही है।