हरिद्वार में कांवड़ यात्रा से पहले खाद्य सुरक्षा के लिए सख्त कदम
खाद्य सुरक्षा के लिए नए निर्देश
हरिद्वार। कांवड़ यात्रा के आगमन से पहले उत्तराखंड प्रशासन ने मिलावटी खाद्य पदार्थों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू की है। हाल ही में, सभी दुकानों पर लाइसेंस और पहचान बोर्ड लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। उत्तराखंड के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) के आयुक्त राजेश कुमार ने इस संबंध में पहले ही निर्देश जारी किए थे। वर्तमान में, हरिद्वार में इन निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जा रहा है।
हरिद्वार में कांवड़ यात्रा के दौरान खाद्य पदार्थों में मिलावट को रोकने के लिए एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। खाद्य सुरक्षा विभाग पूरी तरह से सतर्क है, खासकर फुटपाथ पर लगने वाली अस्थायी दुकानों पर निगरानी बढ़ा दी गई है।
दुकानों पर डिस्प्ले बोर्ड और खाद्य सुरक्षा लाइसेंस लगाने का मुख्य उद्देश्य दुकानदारों की पहचान को स्पष्ट करना है, ताकि श्रद्धालुओं को सुरक्षित और शुद्ध भोजन मिल सके।
कांवड़ यात्रियों ने इस निर्णय का स्वागत किया है। उनका कहना है कि पहले होटल संचालक और अस्थायी दुकानदार अपनी असली पहचान छुपाते थे, जिससे कई बार मिलावटी या दूषित भोजन परोसा जाता था। अब डिस्प्ले बोर्ड और लाइसेंस से यह स्पष्ट होगा कि भोजन किसने तैयार किया है और उसकी गुणवत्ता क्या है। यह कदम न केवल स्वास्थ्य सुरक्षा को बढ़ाएगा, बल्कि यात्रा की विश्वसनीयता को भी मजबूत करेगा।
हरिद्वार के खाद्य सुरक्षा अधिकारी संजय कुमार सिंह ने बताया कि खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम के तहत लाइसेंस का नियम अनिवार्य है। कांवड़ यात्रा के दौरान इस संबंध में विभाग आयुक्त द्वारा निर्देश दिए गए हैं। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि दुकानदार और व्यापारी नियमों का पालन करें। निगरानी के लिए कई टीमें गठित की गई हैं, और हमारी कोशिश होगी कि लोगों को अच्छा खाना मिले।
अधिकारी ने यह भी बताया कि कांवड़ यात्रा के दौरान दुकानों पर खाद्य पदार्थों की जांच की जाएगी। यदि कोई कमी पाई गई, तो मौके पर सैंपल लेकर उसकी जांच की जाएगी। विभाग की योजना है कि कांवड़ यात्रा के दौरान स्ट्रीट फूड विक्रेताओं का रजिस्ट्रेशन भी कराया जाए।