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कैलिफोर्निया में 10 किलोग्राम के ट्यूमर के साथ गर्भवती महिला का चमत्कारिक मामला

कैलिफोर्निया में एक नर्स सूज लोपेज ने 10 किलोग्राम के ट्यूमर के साथ गर्भवती होने का अद्भुत अनुभव किया। यह मामला चिकित्सा विज्ञान में एक चमत्कार के रूप में देखा जा रहा है। सूज ने 17 वर्षों तक गर्भधारण करने की कोशिश की थी, लेकिन जब उन्हें पता चला कि उनका गर्भाशय खाली है और बच्चा पेट में विकसित हो रहा है, तो सभी हैरान रह गए। जानें इस चौंकाने वाली घटना के बारे में और कैसे चिकित्सा टीम ने सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया।
 

चौंकाने वाली चिकित्सा घटना


नई दिल्ली: कैलिफोर्निया से एक अद्भुत घटना सामने आई है। एक महिला, जो 10 किलोग्राम के ट्यूमर को हटवाने अस्पताल गई थी, उसके गर्भ में एक बच्चा छिपा हुआ था। 41 वर्षीय नर्स सूज लोपेज के साथ घटित यह घटना चिकित्सा विज्ञान की सबसे अद्भुत कहानियों में से एक बन गई है।


पेट में दर्द और ट्यूमर का पता

बेकर्सफील्ड की निवासी सूज लोपेज लंबे समय से पेट में तेज दर्द से परेशान थीं। डॉक्टरों ने उन्हें एक बड़े ओवेरियन ट्यूमर का पता लगाया था, जिसका वजन लगभग 10 किलोग्राम था। दर्द और परेशानी के चलते, सूज ने ट्यूमर को हटाने का निर्णय लिया।


प्रेग्नेंसी टेस्ट का परिणाम

प्रेग्नेंसी टेस्ट निकला पॉजिटिव 


सर्जरी से पहले रूटीन टेस्ट में प्रेग्नेंसी टेस्ट भी शामिल था, जो सकारात्मक आया। यह परिणाम सूज और डॉक्टरों के लिए चौंकाने वाला था। सूज ने 17 वर्षों से गर्भधारण करने की कोशिश की थी, लेकिन सफलता नहीं मिली थी।


अचानक दर्द और अस्पताल में भर्ती

3 दिन बाद पेट में तेज दर्द


सूज को प्रेग्नेंसी का कोई संदेह नहीं था, लेकिन तीन दिन बाद उन्हें तेज दर्द के कारण अस्पताल ले जाया गया।


गर्भाशय के बाहर बच्चे का विकास

गर्भाशय के बाहर बच्चा मौजूद


डॉक्टरों ने सूज की स्थिति का विस्तृत स्कैन किया और पाया कि वह एब्डोमिनल एक्टोपिक प्रेग्नेंसी से पीड़ित थीं, जिसमें बच्चा गर्भाशय के बाहर विकसित होता है।


खतरनाक स्थिति और सफल ऑपरेशन

दुर्लभ और बहुत खतरनाक स्थिति


डॉक्टरों ने बताया कि यह स्थिति अत्यंत दुर्लभ और खतरनाक है। हालांकि, सूज का बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ था। 30 चिकित्सा विशेषज्ञों की टीम ने सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया और बच्चे का जन्म हुआ।


डिलीवरी के बाद की चुनौतियाँ

डिलीवरी के बाद होने लगी ब्लीडिंग 


डिलीवरी के तुरंत बाद सूज को अत्यधिक ब्लीडिंग का सामना करना पड़ा, लेकिन चिकित्सा टीम की तत्परता से उनकी जान बच गई।