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चीन के इन्फ्लुएंसर ने कृत्रिम एब्स के लिए खर्च किए करोड़ों

चीन के फैशन इन्फ्लुएंसर एंडी हाओ टिएनन ने नियमित व्यायाम से निराश होकर कृत्रिम एब्स बनाने का अनोखा तरीका अपनाया है। उन्होंने इस प्रक्रिया पर लगभग ₹5 करोड़ खर्च किए हैं। हाओ का दावा है कि हयालुरोनिक एसिड इंजेक्शन से उनके एब्स प्राकृतिक दिखते हैं। हालांकि, विशेषज्ञ इसे खतरनाक मानते हैं और चेतावनी देते हैं कि ऐसी प्रक्रियाएं शरीर को स्थायी नुकसान पहुंचा सकती हैं। जानें इस अनोखे प्रयोग के बारे में और विशेषज्ञों की राय।
 

फिटनेस का नया ट्रेंड


फिटनेस के प्रति उत्साह ने एक नया मोड़ लिया है। चीन के फैशन इन्फ्लुएंसर एंडी हाओ टिएनन ने नियमित व्यायाम से हार मानकर कृत्रिम आठ-पैक एब्स बनाने का अनोखा तरीका अपनाया है।


कृत्रिम एब्स के लिए भारी खर्च

उन्होंने इस प्रक्रिया पर लगभग चार मिलियन युआन, जो कि लगभग ₹5 करोड़ के बराबर है, खर्च किए हैं। हाओ ने हयालुरोनिक एसिड इंजेक्शन के माध्यम से अपने शरीर को वह आकार दिया है, जिसे वह जिम में वर्षों की मेहनत के बावजूद नहीं प्राप्त कर सके। हालांकि, विशेषज्ञ इसे एक खतरनाक प्रवृत्ति मानते हैं।


एब्स के लिए इंजेक्शन का प्रयोग

एंडी हाओ टिएनन, जिनके सोशल मीडिया पर एक लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं, ने बताया कि उन्होंने अपने शरीर में बड़ी मात्रा में हयालुरोनिक एसिड का इंजेक्शन लगवाया है। यह प्राकृतिक तत्व त्वचा को नम बनाए रखने और जोड़ों की लचक में मदद करता है। हाओ का कहना है कि अब उनके शरीर का लगभग 20% हिस्सा इस एसिड से बना है और वह 10,000 डोज लेने की योजना बना रहे हैं।


इंजेक्शन के प्रति हिम्मत

हाओ ने कहा कि उन्होंने यह प्रक्रिया इसलिए अपनाई क्योंकि उन्हें एक्सरसाइज से मनचाहा शरीर नहीं मिला। उन्होंने मजाक में कहा, 'मैं मानता हूं कि मसल्स कायरों पर नहीं उगते, लेकिन अब मैं कायर नहीं रहा। इतने इंजेक्शन लेने के बाद मुझे डर नहीं है।' उन्होंने यह भी कहा कि यदि तीन साल तक उनके एब्स वैसे ही रहे, तो वह गिनीज रिकॉर्ड के लिए आवेदन करेंगे।


प्रक्रिया के बाद की स्थिति

हाओ का कहना है कि इस प्रक्रिया के पांच महीने बाद भी उन्हें कोई समस्या नहीं हुई है। उन्होंने कहा, 'हयालुरोनिक एसिड बिल्कुल भी हिला या जमा नहीं है, जैसा कि कई डॉक्टरों ने चेतावनी दी थी। इसके विपरीत, एब्स अब और प्राकृतिक लगते हैं।'


विशेषज्ञों की चेतावनी

कॉस्मेटिक सर्जन ली जियालुन ने कहा कि इस तरह की अत्यधिक इंजेक्शन प्रक्रिया बेहद खतरनाक हो सकती है। उनके अनुसार, 40 डोज इंजेक्शन से त्वचा कुचल सकती है और रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकती है। उन्होंने कहा कि ऐसे कृत्रिम मसल्स चलते समय असामान्य दिखते हैं क्योंकि असली मसल्स गतिशील होते हैं।


फिटनेस का खतरनाक जुनून

हाओ का यह प्रयोग इंटरनेट पर चर्चा का विषय बन गया है। कई लोग इसे 'पागलपन भरी सुंदरता की खोज' बता रहे हैं, जबकि कुछ इसे नई बॉडी आर्ट का हिस्सा मानते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी प्रक्रियाओं से न केवल शरीर को स्थायी नुकसान हो सकता है, बल्कि यह मानसिक अस्थिरता भी बढ़ा सकती है। हाओ हालांकि अपने एब्स को लेकर खुश हैं और दावा करते हैं कि 'ये समय के साथ और बेहतर दिखते हैं।'