बेंगलुरु में बस दुर्घटना: चालक को आया दिल का दौरा
बेंगलुरु बस दुर्घटना का विवरण
बेंगलुरु बस दुर्घटना: इस वर्ष दिल का दौरा पड़ने के कई वीडियो सामने आए हैं, जो लोगों में भय पैदा कर रहे हैं। हाल ही में, बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के निकट एक ऐसा वीडियो सामने आया है, जिसे देखकर हर कोई दंग रह गया।
वीडियो में एक निजी बस के चालक को अचानक दिल का दौरा पड़ते हुए दिखाया गया है, जिसके कारण उसने बस पर नियंत्रण खो दिया। नतीजतन, बस अनियंत्रित होकर सड़क पर खड़े कई वाहनों से टकरा गई। इस दुर्घटना में कुल 9 वाहन क्षतिग्रस्त हुए, लेकिन सौभाग्य से किसी की जान नहीं गई, हालांकि कुछ लोगों को हल्की चोटें आई हैं। यह घटना बस के सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई।
पुलिस की जानकारी
बस में सवार लोगों ने बताया कि यह घटना दोपहर लगभग 3 बजे हुई, जब बस मेजेस्टिक की दिशा में जा रही थी। जैसे ही बस चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास पहुंची, चालक अचानक बेहोश हो गया। इस दौरान बस ने सामने खड़ी कार और दोपहिया वाहनों को टक्कर मारी।
स्थानीय निवासियों ने तुरंत पुलिस और एंबुलेंस को सूचित किया। पुलिस ने बताया कि बस चालक की पहचान 45 वर्षीय राजेश कुमार के रूप में हुई है। उसे तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने पुष्टि की कि उसे दिल का दौरा पड़ा था। डॉक्टरों के अनुसार, राजेश की स्थिति अब स्थिर है और उसका इलाज जारी है।
सीसीटीवी फुटेज की जांच
दुर्घटना के बाद क्षेत्र में कुछ समय के लिए ट्रैफिक जाम लग गया। मौके पर पहुंची ट्रैफिक पुलिस ने सभी क्षतिग्रस्त वाहनों को हटाकर यातायात को सामान्य किया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बस के अंदर लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है, जिसमें स्पष्ट रूप से दिख रहा है कि चालक अचानक स्टीयरिंग छोड़ देता है और कुछ ही सेकंड में बस कई गाड़ियों से टकरा जाती है।
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से अनुरोध किया है कि ऐसे मामलों में बस चालकों की नियमित स्वास्थ्य जांच कराई जाए, ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। एक दुकानदार ने कहा, “बस की गति अधिक नहीं थी, अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था। भगवान की कृपा से कोई गंभीर रूप से घायल नहीं हुआ।”
मानसिक सतर्कता पर ध्यान
घटना के बाद नगर निगम और ट्रैफिक विभाग ने पूरे क्षेत्र में सीसीटीवी की समीक्षा शुरू की है। अधिकारियों का कहना है कि बस कंपनी से भी पूछताछ की जाएगी कि चालक की मेडिकल जांच कब की गई थी। यह घटना एक बार फिर इस बात की ओर इशारा करती है कि सार्वजनिक परिवहन प्रणाली में चालकों के स्वास्थ्य परीक्षण और मानसिक सतर्कता को लेकर कितनी सख्ती बरतने की आवश्यकता है।