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राजस्थान के कारोबारी राहुल तनेजा की प्रेरणादायक यात्रा: वीआईपी नंबर से लेकर सफलता तक

राजस्थान के व्यवसायी राहुल तनेजा की कहानी प्रेरणा से भरी है। एक समय ऑटो रिक्शा चलाने वाले राहुल ने अपने बेटे के लिए 31 लाख रुपये में वीआईपी नंबर खरीदा। उनकी यात्रा संघर्ष से सफलता की ओर बढ़ी है, जो यह दर्शाती है कि मेहनत और दृढ़ संकल्प से किसी भी सपने को पूरा किया जा सकता है। जानें उनके जीवन के उतार-चढ़ाव और कैसे उन्होंने अपने लक्ष्यों को हासिल किया।
 

राजस्थान: एक प्रेरणादायक कहानी


राजस्थान: यह कहा जाता है कि जब इरादे मजबूत होते हैं, तो किस्मत भी साथ देती है। जयपुर के प्रसिद्ध व्यवसायी राहुल तनेजा की कहानी इस बात का प्रमाण है। एक समय ऑटो रिक्शा चलाने वाले राहुल अब राजस्थान के सबसे महंगे वीआईपी नंबर के मालिक बन चुके हैं। उन्होंने अपने बेटे रेहान तनेजा के 18वें जन्मदिन पर एक लग्जरी ऑडी आरएसक्यू 8 कार के लिए 31 लाख रुपये में वीआईपी नंबर RJ 60 CM 0001 खरीदा है।


मनपसंद कार का उपहार


यह अब तक का सबसे महंगा वीआईपी नंबर है जो राजस्थान में बेचा गया है। राहुल तनेजा को कारों और उनके विशेष नंबरों का बहुत शौक है। उन्होंने पहले भी कई महंगे वीआईपी नंबर खरीदे हैं। 2011 में, उन्होंने अपनी पहली लग्जरी कार बीएमडब्ल्यू 7 सीरीज के लिए RJ 14 CP 0001 नंबर 10 लाख रुपये में लिया था। इसके बाद, 2018 में, उन्होंने अपनी जगुआर XJL के लिए RJ 45 CG 0001 नंबर खरीदा था, जो उस समय का सबसे महंगा नंबर था।


राहुल तनेजा ने बताया कि यह नया नंबर उन्होंने अपने बेटे के लिए खरीदा है। उनका बेटा रेहान जल्द ही 18 साल का होने वाला है, और उन्होंने उससे वादा किया था कि जब वह 18 वर्ष का होगा, तो वह उसे उसकी पसंदीदा कार गिफ्ट करेंगे। तनेजा कहते हैं, “मैं वर्तमान में जीता हूं। मेरे लिए सबसे बड़ी खुशी मेरे बेटे की मुस्कान है। अगर उसे कारों और नंबरों का शौक है, तो उसकी खुशी के लिए 31 लाख खर्च करना मेरे लिए कोई बड़ी बात नहीं है।”


संघर्ष से सफलता की ओर


राहुल तनेजा का जन्म मध्य प्रदेश के मंडला जिले के कटरा गांव में हुआ। उनके पिता साइकिल के पंचर बनाते थे और मां खेतों में काम करती थीं। आर्थिक कठिनाइयों के बावजूद, राहुल ने कभी हार नहीं मानी। उन्होंने 11 साल की उम्र से काम करना शुरू किया। जयपुर के आदर्श नगर में एक छोटे ढाबे में वेटर का काम किया। इसके बाद उन्होंने पटाखे, रंग, पतंगें, राखियां, कॉमिक्स बेचने से लेकर कोरियर सर्विस और अखबार डालने तक कई छोटे-मोटे काम किए।


16 से 18 साल की उम्र के बीच, वे रात में दुर्गापुरा रेलवे स्टेशन पर ऑटो रिक्शा चलाते थे। इसी संघर्ष के बीच, उन्होंने 19 साल की उम्र में 'कार पैलेस' नाम से अपनी पहली कार डीलरशिप शुरू की। इसके साथ ही, उन्होंने मॉडलिंग में कदम रखा और 'मिस्टर जयपुर', 'मिस्टर राजस्थान' और 'मेल ऑफ द ईयर' जैसे खिताब जीते।


20 वर्ष की उम्र में, उन्होंने 'लाइव क्रिएशन्स' नाम से इवेंट मैनेजमेंट कंपनी शुरू की और बाद में मुंबई में 'इंडियन आर्टिस्ट डॉट कॉम' नाम से आर्टिस्ट मैनेजमेंट कंपनी खोली। 2010 में, उन्होंने 'राहुल तनेजा प्रीमियम वेडिंग्स' नाम से वेडिंग मैनेजमेंट का काम शुरू किया और सफलता की नई ऊंचाइयों को छुआ। आज राहुल तनेजा एक लग्जरी कारों के शौकीन व्यवसायी के रूप में जाने जाते हैं, लेकिन उनकी कहानी मेहनत, जज्बे और उम्मीद की मिसाल है। यह साबित करती है कि सपने चाहे कितने भी बड़े हों, सच्ची मेहनत से उन्हें पूरा किया जा सकता है।