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सोशल मीडिया पर चीन की सड़कों की चर्चा: भारतीय महिला की यात्रा से उठी बहस

सोशल मीडिया पर एक भारतीय महिला की चीन यात्रा से जुड़ी पोस्ट ने लोगों का ध्यान खींचा है। उन्होंने चीन की सड़कों की प्रशंसा की, जिसमें उन्होंने एक भी गड्ढा नहीं देखा। इस पोस्ट ने भारत और चीन की सड़कों की तुलना पर बहस छेड़ दी है। जानें, इस चर्चा में लोगों की क्या प्रतिक्रियाएं हैं और क्या है टोल शुल्क का मामला।
 

सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट


एक भारतीय महिला की चीन यात्रा से संबंधित पोस्ट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर काफी ध्यान आकर्षित किया है। यूज़र सोम्या ने अपनी 10 दिन की यात्रा के दौरान चीन की सड़कों की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने 'एक भी गड्ढा या टूटी सड़क' नहीं देखी।


चीन की सड़कों की सफाई और अनुशासन

सोम्या ने अपनी पोस्ट में एक साफ-सुथरी सड़क की तस्वीर साझा की, जिसमें हरियाली और व्यवस्थित लेनें थीं। उन्होंने उल्लेख किया कि यात्रा के दौरान न तो धूल थी और न ही कोई टूटी हुई सड़क। इस पोस्ट के बाद, कई यूज़र्स ने चीन के इंफ्रास्ट्रक्चर की सराहना की और कहा कि वहां का ट्रैफिक भी बहुत अनुशासित है।




टोल शुल्क पर हैरानी

सोम्या ने यह भी बताया कि चीन की शानदार सड़कों का उपयोग सस्ता नहीं है। उन्होंने कहा कि 130 किलोमीटर की यात्रा के लिए उन्हें 204 युआन (लगभग ₹2,600) का टोल देना पड़ा, जो उनके टैक्सी किराए 237 युआन (₹2,900) के बराबर था। इस पर कई लोगों ने टिप्पणी की कि अच्छी सड़कों की कीमत वहां की जनता को टोल के रूप में चुकानी पड़ती है।


पोस्ट पर मिली प्रतिक्रिया

यह पोस्ट 7 नवंबर 2025 को साझा की गई थी और इसे अब तक 10 लाख से अधिक बार देखा जा चुका है। 2,500 से ज्यादा यूज़र्स ने इस पर कमेंट किए हैं। कई लोगों ने चीन की सड़कों की तारीफ की, जबकि कुछ ने इसे सरकारी नियंत्रण से जोड़ा। एक यूज़र ने लिखा, 'वे हमसे दशकों आगे हैं, लेकिन वहां सरकार पर सवाल उठाना संभव नहीं।'


भारत से तुलना पर बहस

कई यूज़र्स ने भारत की टूटी-फूटी सड़कों की तस्वीरें साझा करते हुए मजाक में तंज कसे। एक यूज़र ने कहा, 'अगर आपको घर की याद आ रही है, तो ये तस्वीरें देख लीजिए।' कुछ ने सुझाव दिया कि भारत को सड़क रखरखाव और इंफ्रास्ट्रक्चर में चीन से सीखना चाहिए। हालांकि, कुछ ने कहा कि चीन के बड़े शहरों में सड़कें बेहतरीन हैं, लेकिन छोटे इलाकों की स्थिति अलग है।


सोशल मीडिया पर चर्चा का जारी रहना

सोशल मीडिया पर इस पोस्ट ने भारत-चीन तुलना की पुरानी बहस को फिर से जीवित कर दिया है। कई यूज़र्स ने कहा कि अच्छी सड़कों के लिए बेहतर योजना और जिम्मेदार प्रशासन आवश्यक है। कुछ ने इसे 'सिस्टम और सिविक सेंस' के बीच का फर्क बताया। हालांकि, सोम्या ने इस वायरल चर्चा पर अब तक कोई अतिरिक्त प्रतिक्रिया नहीं दी है।