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मोदी सरकार का देश को न्यू ईयर गिफ्ट, सुकन्या समृद्धि योजना में अब मिलेगा ज्यादा ब्याज

 
केंद्र सरकार ने लोगों को बड़ा तोहफा दिया है. नए साल से पहले, शुक्रवार को सरकार ने जनवरी-मार्च 2024 तिमाही के लिए सुकन्या समृद्धि योजना (एसएसवाई), 3-वर्षीय सावधि जमा जैसी कुछ छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें बढ़ा दीं। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि सुकन्या समृद्धि योजना (एसएसवाई) और तीन साल की सावधि जमा योजना पर ब्याज में मामूली वृद्धि की गई है। जबकि कई छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों को यथावत रखा गया है.
केंद्र सरकार ने अब सुकन्या समृद्धि योजना की ब्याज दर बढ़ाकर 8.2 फीसदी कर दी है, जबकि तीन साल की टाइम डिपॉजिट पर ब्याज दर 7.1 फीसदी कर दी गई है. पहले सुकन्या समृद्धि योजना पर ब्याज 8 फीसदी और तीन साल की टीडी पर ब्याज 7.1 फीसदी था. पिछले तीन साल से पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) के ब्याज में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
पीपीएफ पर ब्याज घटाया गया
पीपीएफ ब्याज में आखिरी बदलाव अप्रैल-जून 2020 में हुआ था, जब इसे 7.9 फीसदी से घटाकर 7.1 फीसदी कर दिया गया था. पिछली बार केंद्र सरकार ने पांच साल की आरडी स्कीम में कोई बदलाव नहीं किया था. आपको बता दें कि आज की घोषणा से पहले केंद्र सरकार की लघु बचत योजना की ब्याज दरें 4 फीसदी से 8.2 फीसदी के बीच थीं.
जनवरी-मार्च 2024 के लिए ब्याज
  • डाकघर बचत खाते पर 4% ब्याज
  • एक साल की सावधि जमा पर ब्याज दर 6.9 फीसदी
  • 2 वर्ष की सावधि जमा ब्याज दर 7.0 प्रतिशत
  • 3 साल की सावधि जमा पर ब्याज दर 7.1 फीसदी
  • 5 साल की टाइम डिपॉजिट पर ब्याज 7.5 फीसदी है
  • 5 साल के लिए आरडी स्कीम पर ब्याज 6.7 फीसदी है
  • राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (एनएससी) पर ब्याज 7.7 प्रतिशत
  • किसान विकास पत्र पर 7.5 फीसदी ब्याज
  • पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) पर ब्याज 7.1 फीसदी
  • सुकन्या समृद्धि खाते (SSY) पर ब्याज 8.2 फीसदी है
  • वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (एससीएसएसवाई) पर ब्याज 8.2 फीसदी है
  • मासिक आय खाते पर ब्याज 7.4 फीसदी
कौन सी योजनाएं नहीं बदलीं?
छोटी बचत योजनाओं के तहत, केवल सुकन्या समाधि योजना (एसएसवाई) और 3 साल के भीतर परिपक्व होने वाली सावधि जमा पर ब्याज जनवरी-मार्च 2024 तिमाही के लिए बढ़ाया गया है। अन्य सभी लघु बचत योजनाओं को यथावत रखा गया है। कृपया ध्यान दें कि पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट स्कीम पर ब्याज बैंक एफडी से अधिक है।