Sim Card Swapping: सिम कार्ड स्वैपिंग वाले फ्रॉड हो जाएंगे बंद, जल्द लागू होने वाला है ये नया नियम
Mar 22, 2024, 14:30 IST
टेक्नोलॉजी के इस युग में साइबर धोखाधड़ी भी तेजी से बढ़ रही है। साइबर फ्रॉड के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार की ओर से कई कदम उठाए जा रहे हैं. सिम स्वैपिंग भी एक घोटाला है, जिससे साइबर जालसाज कई लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। अब केंद्र सरकार इस धोखाधड़ी से निपटने के लिए नई गाइडलाइंस ला रही है, जिसके बाद सिम कार्ड पोर्ट करने के नियम बदल जाएंगे।
क्या है नया पोर्टिंग नियम?
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने सिम कार्ड स्वैपिंग धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने के लिए एक नया नियम पेश किया है, जिसे 1 जुलाई 2024 से पूरे देश में लागू किया जाएगा। इस नए नियम के मुताबिक, अगर आपने तुरंत सिम स्वैप किया है तो आप उसे तुरंत पोर्ट नहीं कर पाएंगे। इसका मतलब है कि नया सिम लेने या बदलने के बाद उसे तुरंत पोर्ट नहीं किया जा सकता है, इसके लिए आपको सात दिन का इंतजार करना होगा। ट्राई का कहना है कि इससे साइबर धोखाधड़ी में कमी आएगी.
सिम स्वैपिंग क्या है?
सिम स्वैपिंग का मतलब है सिम बदलना, सिम स्वैपिंग तब होती है जब सिम काम नहीं कर रहा हो या फोन खो गया हो। ऐसे में हम पुराने सिम को बदल कर नया सिम ले लेते हैं, लेकिन नंबर वही रहता है। पिछले कुछ समय से साइबर ठग इसी सिस्टम का फायदा उठाकर लोगों को ठग रहे हैं. इसके लिए वे सिम कंपनी को कॉल करते हैं और पुष्टि करते हैं कि नंबर उनका है, इसके लिए वे आपके आधार कार्ड विवरण का उपयोग करते हैं। इसके बाद आपका सिम डीएक्टिवेट हो जाता है और तुरंत नया सिम एक्टिवेट हो जाता है और फिर सभी ओटीपी उसी नंबर पर चले जाते हैं। जब तक आपको इसका एहसास होता है, बैंक खाता खाली हो चुका होता है.
क्या है नया पोर्टिंग नियम?
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने सिम कार्ड स्वैपिंग धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने के लिए एक नया नियम पेश किया है, जिसे 1 जुलाई 2024 से पूरे देश में लागू किया जाएगा। इस नए नियम के मुताबिक, अगर आपने तुरंत सिम स्वैप किया है तो आप उसे तुरंत पोर्ट नहीं कर पाएंगे। इसका मतलब है कि नया सिम लेने या बदलने के बाद उसे तुरंत पोर्ट नहीं किया जा सकता है,
सिम स्वैपिंग क्या है?
सिम स्वैपिंग का मतलब है सिम बदलना, सिम स्वैपिंग तब होती है जब सिम काम नहीं कर रहा हो या फोन खो गया हो। ऐसे में हम पुराने सिम को बदल कर नया सिम ले लेते हैं, लेकिन नंबर वही रहता है। पिछले कुछ समय से साइबर ठग इसी सिस्टम का फायदा उठाकर लोगों को ठग रहे हैं. इसके लिए वे सिम कंपनी को कॉल करते हैं और पुष्टि करते हैं कि नंबर उनका है, इसके लिए वे आपके आधार कार्ड विवरण का उपयोग करते हैं।