Belgian Court Validates Extradition of Mehul Choksi to India
Mehul Choksi Case Overview
Mehul Choksi Case: एंटवर्प की अदालत ने भगोड़े हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी के भारत द्वारा किए गए प्रत्यर्पण अनुरोध को मान्यता देते हुए उसकी अपील को खारिज कर दिया है। यह निर्णय भारत के लिए एक महत्वपूर्ण कानूनी जीत मानी जा रही है, जिससे ₹13,000 करोड़ के बैंक धोखाधड़ी के आरोपी चोकसी की भारत वापसी की संभावना अब स्पष्ट हो गई है।
कोर्ट ने यह भी कहा कि चोकसी की गिरफ्तारी भारत की मांग पर बेल्जियम पुलिस द्वारा की गई थी, जो पूरी तरह से वैध है। चोकसी को 11 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था। सितंबर में, उसने कोर्ट ऑफ अपील्स में प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील दायर की थी, जिसे अब खारिज कर दिया गया है। सीबीआई के अनुसार, पंजाब नेशनल बैंक से जुड़े इस घोटाले में चोकसी ने अकेले ₹6,400 करोड़ की राशि का गबन किया था। यह घोटाला उसने अपने भतीजे नीरव मोदी के साथ मिलकर किया था, जो वर्तमान में लंदन की जेल में बंद है और उसके खिलाफ भी प्रत्यर्पण प्रक्रिया चल रही है।
भारत ने पेश किए ठोस सबूत
प्रत्यर्पण सुनवाई के दौरान, भारत ने बेल्जियम कोर्ट को ठोस सबूत प्रस्तुत किए, जिनमें बैंक धोखाधड़ी और धन के दुरुपयोग से संबंधित दस्तावेज शामिल थे। भारत सरकार ने यह आश्वासन दिया कि चोकसी को प्रत्यर्पण के बाद मुंबई की आर्थर रोड जेल के बैरक नंबर 12 में रखा जाएगा, जहां सभी सुविधाएं यूरोपीय 'कमेटी फॉर प्रिवेंशन ऑफ टॉर्चर' के मानकों के अनुरूप होंगी। उसे स्वच्छ पानी, पर्याप्त भोजन, समाचार पत्र, टीवी, और चिकित्सा देखभाल सहित सभी अधिकार दिए जाएंगे। भारत ने यह भी स्पष्ट किया कि चोकसी अभी भी भारतीय नागरिक है और उसका एंटीगुआ और बारबुडा का नागरिक होने का दावा विवादित है। भारतीय एजेंसियों ने 2018 से 2022 के बीच छह बैंक धोखाधड़ी मामलों से जुड़े दस्तावेज भी बेल्जियम अभियोजकों को सौंपे हैं।
आगे की प्रक्रिया
सूत्रों के अनुसार, चोकसी के पास बेल्जियम की उच्च अदालत में अपील करने का विकल्प अभी भी है। यदि वह ऐसा करता है, तो प्रत्यर्पण प्रक्रिया में कुछ समय लग सकता है। हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि पहला और सबसे महत्वपूर्ण चरण अब पूरा हो चुका है। भारत सरकार को उम्मीद है कि अंतिम मंजूरी मिलने के बाद चोकसी को जल्द ही भारत लाया जा सकेगा।