Donald Trump का परमाणु शक्ति पर बयान: अमेरिका की ताकत और वैश्विक शांति का लक्ष्य
अमेरिका की परमाणु क्षमता पर ट्रंप का बयान
नई दिल्ली : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में अपनी परमाणु क्षमताओं के बारे में एक बार फिर से बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका के पास इतनी परमाणु शक्ति है कि वह पूरी दुनिया को 150 बार नष्ट कर सकता है। ट्रंप के अनुसार, यह शक्ति अमेरिका को वैश्विक स्तर पर सबसे प्रभावशाली देश बनाती है। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका का लक्ष्य हमेशा नंबर वन बने रहना है।
परमाणु निरस्त्रीकरण पर ट्रंप की सोच
परमाणु निरस्त्रीकरण पर ट्रंप की सोच
ट्रंप ने हाल ही में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ अपनी मुलाकात को सकारात्मक बताया और कहा कि उनका अंतिम लक्ष्य परमाणु निरस्त्रीकरण है। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा संभव हो सके, तो यह वैश्विक शांति के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा। ट्रंप ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, "मुझे लगता है कि परमाणु निरस्त्रीकरण एक बड़ी उपलब्धि होगी, क्योंकि अमेरिका के पास इतनी शक्ति है कि दुनिया को 150 बार तबाह किया जा सकता है।"
रूस और चीन की तुलना में अमेरिका की स्थिति
रूस और चीन की तुलना में अमेरिका की स्थिति
ट्रंप ने स्पष्ट किया कि परमाणु क्षमता के मामले में अमेरिका सबसे आगे है, जबकि रूस दूसरे और चीन तीसरे स्थान पर है। उन्होंने कहा कि रूस और चीन अभी काफी पीछे हैं, लेकिन अगले पांच वर्षों में वे बराबरी पर आने की कोशिश करेंगे। ट्रंप ने यह भी बताया कि उन्होंने व्लादिमीर पुतिन और शी चिनफिंग के साथ इस विषय पर चर्चा की है और सभी नेता अब अपने संसाधनों को अन्य क्षेत्रों में लगाने की योजना बना रहे हैं।
शांति और परीक्षण पर ट्रंप का दृष्टिकोण
शांति और परीक्षण पर ट्रंप का दृष्टिकोण
ट्रंप ने कहा कि उनका उद्देश्य पूरी दुनिया में शांति स्थापित करना है। यह बयान पिछले हफ्ते उनके उस बयान के बाद आया है जिसमें उन्होंने अमेरिका द्वारा परमाणु परीक्षण फिर से शुरू करने की योजना की जानकारी दी थी। ट्रंप ने पेंटागन को निर्देश दिया है कि आवश्यक परीक्षण किए जाएँ, यह बताते हुए कि अन्य देश भी ऐसा कर रहे हैं और अमेरिका को पीछे नहीं रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि जल्द ही नए परीक्षणों की जानकारी सार्वजनिक की जाएगी, लेकिन फिलहाल उन्होंने किसी विशेष परीक्षण का विवरण साझा नहीं किया।
वैश्विक सुरक्षा पर असर
वैश्विक सुरक्षा पर असर
ट्रंप के इस बयान से वैश्विक सुरक्षा और परमाणु संतुलन के विषय में व्यापक चर्चाएँ शुरू हो गई हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका की इस तरह की शक्ति प्रदर्शन की नीति अन्य देशों को रणनीतिक रूप से सोचने पर मजबूर करेगी। वहीं, ट्रंप ने बार-बार यह स्पष्ट किया है कि उनका उद्देश्य युद्ध नहीं, बल्कि वैश्विक शांति और सुरक्षा को सुनिश्चित करना है।