H-1B वीजा प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव: उच्च वेतन वाले श्रमिकों को मिलेगी प्राथमिकता
अमेरिकी सरकार का नया निर्णय
नई दिल्ली: अमेरिकी प्रशासन ने H-1B वीजा प्रणाली में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन करने का निर्णय लिया है। इस बदलाव के अंतर्गत, कई वर्षों से चल रहे H-1B वीजा लॉटरी सिस्टम में संशोधन किया जाएगा। पहले, इस प्रक्रिया में आवेदनों का चयन यादृच्छिक रूप से किया जाता था, लेकिन अब इसे एक नए तरीके से संचालित किया जाएगा, जिसमें उच्च वेतन पाने वाले कुशल श्रमिकों को प्राथमिकता दी जाएगी।
नए नियम की प्रभावी तिथि
यह नया नियम 27 फरवरी, 2026 से लागू होगा और इसका उपयोग 2027 वित्तीय वर्ष के H-1B वीजा सीजन के लिए किया जाएगा। इस सीजन के लिए पंजीकरण मार्च 2026 में शुरू होने की संभावना है। जो श्रमिक चयनित होंगे, वे 1 अक्टूबर, 2026 से अमेरिका में अपनी नौकरी आरंभ कर सकेंगे।
H-1B वीजा की कुल संख्या अपरिवर्तित
H-1B वीजा की कुल संख्या में कोई बदलाव नहीं:
हालांकि चयन प्रक्रिया में परिवर्तन हो रहा है, H-1B वीजा की कुल संख्या वही रहेगी। हर वर्ष, अमेरिका नियमित कोटे के तहत 65,000 वीजा जारी करेगा, और 20,000 अतिरिक्त वीजा उन व्यक्तियों के लिए आरक्षित रहेंगे जिनके पास अमेरिकी विश्वविद्यालय से मास्टर या पीएचडी जैसी उन्नत डिग्री है।
आवेदन चयन प्रक्रिया
आवेदन कैसे चुने जाएंगे?
इस प्रक्रिया में पहले सभी आवेदनों को लॉटरी के माध्यम से समान अवसर दिया जाता था। नए सिस्टम के तहत, आवेदनों को वेतन स्तर और नियोक्ता के आधार पर रैंक किया जाएगा। इसका अर्थ है कि उन नौकरियों का चयन होने की संभावना अधिक होगी जिनकी वेतन अधिक है। हालांकि, कम वेतन वाली नौकरियों के लिए भी आवेदन किया जा सकता है, लेकिन उनकी चयनित होने की संभावना कम होगी। इस बदलाव का उद्देश्य कंपनियों को कम वेतन वाली या डुप्लीकेट आवेदनों को दाखिल करने से रोकना है।
भारतीय पेशेवरों के लिए महत्वपूर्ण निर्णय
भारतीय पेशेवरों के लिए महत्वपूर्ण निर्णय:
यह निर्णय विशेष रूप से भारतीय पेशेवरों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि हर वर्ष H-1B वीजा प्राप्त करने वालों में उनका एक बड़ा हिस्सा होता है। अमेरिकी प्रशासन ने कहा है कि यह कदम कार्य वीजा के दुरुपयोग को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इसके साथ ही, यह सुनिश्चित करेगा कि विदेशी श्रमिकों को तभी नियुक्त किया जाए जब उनकी वास्तव में आवश्यकता हो।
गृह सुरक्षा विभाग (DHS) के अनुसार, इस नियम का उद्देश्य अमेरिकी श्रमिकों की सुरक्षा करना है, साथ ही अमेरिकी कंपनियों को तकनीकी, इंजीनियरिंग और स्वास्थ्य देखभाल जैसे क्षेत्रों में विदेशी विशेषज्ञों को नियुक्त करने की अनुमति देना है, जहां कुशल श्रमिकों की कमी है।