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NASA-ISRO का निसार सैटेलाइट: पृथ्वी की निगरानी के लिए एक नई तकनीक

NASA और ISRO ने मिलकर निसार सैटेलाइट का सफलतापूर्वक लॉन्च किया है, जो पृथ्वी की निगरानी के लिए एक नई तकनीक है। यह सैटेलाइट दोहरे रडार बैंड का उपयोग करता है और तीन वर्षों तक अंतरिक्ष में रहकर विभिन्न पर्यावरणीय स्थितियों की निगरानी करेगा। जानें इस मिशन के बारे में और इसके महत्व के बारे में अधिक जानकारी।
 

निसार सैटेलाइट का सफल लॉन्च

नई दिल्ली - नासा और इसरो ने मिलकर सिंथेटिक अपर्चर रडार सैटेलाइट निसार का सफलतापूर्वक लॉन्च किया है। यह सैटेलाइट जीएसएलवी-एफ 16 रॉकेट द्वारा श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से अंतरिक्ष में भेजा गया।


निसार एक संयुक्त मिशन है, जो पूरी पृथ्वी की निगरानी करेगा। जबकि इसरो ने पहले भी रिसोर्ससैट और रीसेट जैसे सैटेलाइट लॉन्च किए हैं, जो केवल भारतीय क्षेत्र की निगरानी करते थे, निसार दुनिया का पहला ऐसा रडार सैटेलाइट है, जो अंतरिक्ष से पृथ्वी का व्यवस्थित मैपिंग करेगा। यह सैटेलाइट दोहरे रडार बैंड (एल-बैंड और एस-बैंड) का उपयोग करता है, जिससे यह विभिन्न पर्यावरणीय और भूवैज्ञानिक स्थितियों की निगरानी कर सकता है।


निसार सैटेलाइट निम्न पृथ्वी कक्षा में चक्कर लगाएगा और तीन वर्षों तक पृथ्वी की निगरानी करेगा। इस हाई-टेक सैटेलाइट का पूरा नाम NASA-ISRO सिंथेटिक एपर्चर रडार है, और इसके विकास पर लगभग 1.5 बिलियन डॉलर (लगभग 12,500 करोड़ रुपये) खर्च हुए हैं।