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अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी की नई पहल: बच्चों के लिए कन्नड़ साहित्य को बढ़ावा

अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी ने बच्चों के लिए कन्नड़ साहित्य को बढ़ावा देने के लिए एक नई पहल शुरू की है। इस पहल के तहत, नए और अनुभवी लेखकों को अपनी रचनाएं साझा करने का अवसर दिया जा रहा है। इच्छुक लेखक 30 नवंबर तक अपने प्रस्ताव जमा कर सकते हैं। चयनित लेखकों को वर्कशॉप में मार्गदर्शन और 10,000 रुपये की फेलोशिप राशि मिलेगी। यह एक सुनहरा अवसर है कन्नड़ भाषा में बच्चों के लिए लिखने वाले लेखकों के लिए।
 

कन्नड़ साहित्य के लिए नई पहल

अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी ने बच्चों के लिए कन्नड़ साहित्य को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से एक नई पहल की शुरुआत की है। मंगलवार को आयोजित इस कार्यक्रम में, विश्वविद्यालय ने नए और अनुभवी लेखकों को आमंत्रित किया है कि वे अपनी रचनाएं, जैसे कि कहानी, कविता, नाटक, जीवनी, यात्रा वृतांत और उपन्यास, साझा करें। यह पहल विश्वविद्यालय के वार्षिक बाल साहित्य उत्सव 'कथावन' का हिस्सा है, जिसका मुख्य लक्ष्य बच्चों के साहित्य को कक्षाओं में लाना है।


इस पहल में भाग लेने के इच्छुक लेखक 30 नवंबर तक अपनी रचना का एक नमूना और प्रस्ताव जमा कर सकते हैं। इसके बाद, एक प्रतिष्ठित जूरी इन प्रस्तावों का मूल्यांकन करेगी। चयनित लेखकों को अपने कार्य को सुधारने के लिए वर्कशॉप में मार्गदर्शन और सहायता मिलेगी, जिसके बाद अंतिम कॉपी को प्रकाशन के लिए चुना जाएगा।


चुने गए लेखकों को 10,000 रुपये की फेलोशिप राशि दी जाएगी। इसके अतिरिक्त, वर्कशॉप में भाग लेने वाले लेखकों को यात्रा भत्ता और आवास की सुविधा भी प्रदान की जाएगी। यह कन्नड़ भाषा में बच्चों के लिए लिखने वाले लेखकों के लिए अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का एक अनूठा अवसर है।