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अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव: तालिबान के ड्रोन हमले

अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच तनाव अब चरम पर पहुँच चुका है, जिसमें तालिबान द्वारा ड्रोन हमले और काबुल में हुए विस्फोट शामिल हैं। दोनों देशों के बीच हिंसा बढ़ रही है, और पाकिस्तान ने अफगानिस्तान पर आतंकवादी समूहों को पनाह देने का आरोप लगाया है। इस स्थिति में और भी जटिलता आ गई है, जिससे क्षेत्रीय शांति को खतरा है। जानें इस संघर्ष के पीछे की वजहें और आगे की संभावनाएँ।
 

अफगानिस्तान-पाकिस्तान संघर्ष की स्थिति


अफगानिस्तान-पाकिस्तान संघर्ष: अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच का तनाव अब अपने चरम पर पहुँच चुका है। विभिन्न देशों द्वारा दोनों पक्षों से संयम बरतने और शांति बनाए रखने की अपील की जा रही है, लेकिन इसके बावजूद दोनों देश एक-दूसरे के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रहे हैं। तालिबान ने पाकिस्तानी सीमा चौकियों पर ड्रोन हमले किए हैं, जिसका एक वीडियो हाल ही में जारी किया गया है। तालिबान की इन कार्रवाइयों में कई पाकिस्तानी सैनिक मारे गए हैं और कई लापता हैं। पाकिस्तान की ओर से की गई कार्रवाई में तालिबान को भी नुकसान हुआ है।


तालिबान द्वारा जारी एक वीडियो में एक ड्रोन एक आयताकार संरचना पर गोला-बारूद गिराते हुए दिखाई दे रहा है, जिसे संभवतः मोर्टार कहा जा रहा है। तालिबान का दावा है कि यह ड्रोन हमला पाकिस्तानी चौकी पर किया गया है। दोनों देशों के बीच जारी संघर्ष के बीच स्थिति और बिगड़ती दिख रही है, क्योंकि अफगान टैंकों का एक दस्ता पाकिस्तान की सीमा की ओर बढ़ रहा है।


काबुल में धमाकों के बाद बढ़ी हिंसा

पिछले हफ्ते काबुल में हुए धमाकों के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया गया


पिछले हफ्ते अफगानिस्तान में हुए विस्फोटों के बाद से दोनों देशों के बीच हिंसा बढ़ गई है, जिनमें काबुल में हुए दो विस्फोट शामिल हैं। इन धमाकों के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया गया था। तालिबान सरकार ने जवाबी कार्रवाई में अपनी दक्षिणी सीमा के कुछ हिस्सों पर हमले शुरू कर दिए, जिसके बाद इस्लामाबाद ने कड़ी प्रतिक्रिया देने का निर्णय लिया।


पाकिस्तान का अफगानिस्तान पर आरोप

पाकिस्तान ने अफगानिस्तान पर आतंकवादी समूहों को पनाह देने का आरोप लगाया


इस्लामाबाद ने अफगानिस्तान पर पाकिस्तानी तालिबान तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) जैसे आतंकवादी समूहों को अपनी धरती पर पनाह देने का आरोप लगाया है, जबकि काबुल इस दावे का खंडन करता है। पिछले हफ्ते अफगानिस्तान में हुए विस्फोट उस समय हुए जब तालिबान के शीर्ष राजनयिक भारत की यात्रा पर थे। अभी तक किसी भी समूह ने इन विस्फोटों की जिम्मेदारी नहीं ली है।