अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा पर फिर से संघर्ष: क्या है हालात?
संघर्ष की ताजा स्थिति
नई दिल्ली: अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच की सीमा एक बार फिर से गोलियों और विस्फोटों की आवाज से गूंज उठी है। कंधार प्रांत के स्पिन बोलदक क्षेत्र में दोनों देशों की सेनाओं के बीच अचानक शुरू हुए संघर्ष ने स्थानीय निवासियों में भय का माहौल बना दिया है। प्रारंभ में हल्के हथियारों से शुरू हुई गोलीबारी धीरे-धीरे भारी हथियारों तक पहुंच गई, जिससे डूरंड लाइन के दोनों ओर के गांवों में अफरा-तफरी मच गई।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि कई परिवार रातोंरात अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर भागने को मजबूर हो गए हैं। अफगान बॉर्डर पुलिस ने भी इस संघर्ष की तीव्रता की पुष्टि की है, जिसमें लगातार गोलियों और रॉकेटों की आवाज सुनाई दे रही है।
संघर्ष की उत्पत्ति
अफगान बॉर्डर पुलिस के प्रवक्ता अबेदुल्लाह फारूकी ने बताया कि झड़प की शुरुआत पाकिस्तान की ओर से हुई। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सैनिकों ने अचानक ग्रेनेड फेंका, जबकि अफगान बल संघर्षविराम का पालन कर रहे थे।
फारूकी के अनुसार, अफगान सैनिकों ने तब जवाबी फायरिंग की जब पाकिस्तानी बलों ने सीजफायर का उल्लंघन किया। इसके बाद दोनों पक्षों ने भारी हथियारों का उपयोग करना शुरू कर दिया। स्थानीय निवासियों ने बताया कि पाकिस्तान की ओर से दागे गए कई मोर्टार नागरिक क्षेत्रों में गिरे, जिससे घरों को नुकसान पहुंचा और लोग दहशत में आ गए।
स्पिन बोलदक: तनाव का केंद्र
स्पिन बोलदक एक महत्वपूर्ण सीमा बिंदु है, जहां व्यापार और लोगों की आवाजाही होती है। हालांकि, यह क्षेत्र लंबे समय से दोनों देशों के बीच विवाद और हिंसक झड़पों का केंद्र बना हुआ है। स्थानीय सूत्रों का कहना है कि इस बार फायरिंग की तीव्रता असामान्य रूप से अधिक है और पाकिस्तानी बल लगातार नागरिक क्षेत्रों को निशाना बना रहे हैं।
डूरंड लाइन को लेकर चल रहे पुराने विवाद से भी हालात अक्सर तनावपूर्ण हो जाते हैं। अफगानिस्तान इस रेखा को मान्यता नहीं देता, जबकि पाकिस्तान इसे आधिकारिक सीमा मानता है।
तालिबान प्रशासन की प्रतिक्रिया
तालिबानी सरकार की ओर से अभी तक कोई विस्तृत बयान जारी नहीं किया गया है। हालांकि, स्थानीय प्रशासन ने लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है। मेडिकल टीमों को अलर्ट पर रखा गया है और प्रभावित क्षेत्रों में एंबुलेंस भेजी गई हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति का सामना किया जा सके।