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अमेरिका का डूम्सडे प्लेन E-4B: क्या यह युद्ध का संकेत है?

हाल ही में अमेरिका का डूम्सडे प्लेन E-4B वाशिंगटन डीसी के पास देखा गया, जिससे वैश्विक चिंता बढ़ गई है। क्या यह ईरान-इजरायल संघर्ष के बीच युद्ध का संकेत है? इस लेख में हम डूम्सडे प्लेन की विशेषताओं, इसके उपयोग की स्थितियों और रूस के डूम्सडे रेडियो से इसकी तुलना पर चर्चा करेंगे। जानें कि यह प्लेन कैसे काम करता है और इसके पीछे की संभावित वजहें क्या हो सकती हैं।
 

डूम्सडे प्लेन E-4B का महत्व

स्पष्टीकरण: 9/11 के हमले के बाद अमेरिका का डूम्सडे प्लेन E-4B वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर उतारा गया था। हाल ही में, 19 जून 2025 को, इसे वाशिंगटन डीसी के पास देखा गया, जिससे वैश्विक स्तर पर चिंता का माहौल बन गया है। ईरान-इजरायल संघर्ष के बीच, क्या यह डूम्सडे प्लेन E-4B का प्रकट होना किसी संभावित युद्ध का संकेत है? या इसके पीछे कोई और कारण है? इस पर चर्चा हो रही है। आइए जानते हैं कि डूम्सडे प्लेन E-4B क्या है और यह रूस के डूम्सडे रेडियो से कैसे भिन्न है।


डूम्सडे प्लेन E-4B का उपयोग कब किया जाता है?

डूम्सडे प्लेन E-4B को अमेरिका में आपातकालीन स्थितियों में उतारा जाता है। यह विशेष रूप से परमाणु युद्ध या वैश्विक संकट के समय सक्रिय होता है। इसे नाइटवॉच के नाम से भी जाना जाता है।


डूम्सडे प्लेन E-4B की विशेषताएँ

यह प्लेन, जिसे नेशनल एयरबोर्न ऑपरेशंस सेंटर भी कहा जाता है, में उन्नत संचार उपकरण लगे होते हैं। यह हवा में उड़ान भरते समय खुद को रिफ्यूल कर सकता है और किसी भी इलेक्ट्रोमैग्नेटिक या परमाणु हमले से सुरक्षित रहता है।


E-4B नाइटवॉच का इतिहास

डूम्सडे प्लेन E-4B को 9/11 के हमले के बाद भी सक्रिय देखा गया था। इसके अलावा, 1995 में तूफान ओपल के दौरान भी इसका उपयोग किया गया था। हालांकि, हाल में इसे देखने के पीछे की वजह अभी स्पष्ट नहीं है।


रूस के डूम्सडे रेडियो से तुलना

रूस का डूम्सडे रेडियो, जिसे यूबीवी-76 कहा जाता है, अमेरिका के E-4B से काफी अलग है। यह रेडियो स्टेशन हैकर्स के लिए भी सुरक्षित है और इसे विशेष संदेश भेजने के लिए उपयोग किया जाता है।


डूम्सडे रेडियो की खतरनाक विशेषताएँ

रूस का डूम्सडे रेडियो अपने एडवांस तकनीक के कारण खतरनाक माना जाता है। यह आपातकालीन स्थितियों में संदेश भेजने के लिए सक्षम है, लेकिन आम लोग इसे समझ नहीं सकते।