अमेरिका का भारत पर टैरिफ: रूस पर दबाव बनाने की रणनीति
भारत पर टैरिफ का उद्देश्य
नई दिल्ली। अमेरिका ने स्पष्ट किया है कि भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ और 25 प्रतिशत जुर्माना लगाने का निर्णय व्यापारिक कारणों से नहीं, बल्कि रूस पर दबाव डालने के लिए किया गया है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलीन लिविट ने मंगलवार को यह जानकारी दी। इससे पहले, राष्ट्रपति ट्रंप का प्रशासन भारत के खिलाफ आर्थिक कार्रवाई को टैरिफ या जुर्माना के रूप में पेश कर रहा था, जो रूस से तेल खरीदने के संदर्भ में था।
यह ध्यान देने योग्य है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत पर कुल 50 टैरिफ लगाने की घोषणा की है। इनमें से एक 25 प्रतिशत का टैरिफ है, जो रूस से तेल खरीदने पर लगाया गया है। पहले टैरिफ का प्रभाव 7 अगस्त से और अतिरिक्त टैरिफ का प्रभाव 27 अगस्त से लागू होगा। लिविट ने कहा कि भारत पर टैरिफ बढ़ाने का मुख्य उद्देश्य रूस पर सेकेंडरी दबाव डालना है, ताकि वह युद्ध समाप्त करने के लिए मजबूर हो सके।
व्हाइट हाउस की प्रवक्ता ने ट्रंप के इस दावे को भी दोहराया कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष को रोकने में राष्ट्रपति ट्रंप ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने कहा कि ट्रंप ने व्यापार को एक उपकरण के रूप में इस्तेमाल कर इस संघर्ष को समाप्त किया। लिविट ने यह भी बताया कि ट्रंप ने अजरबैजान और आर्मेनिया के बीच शांति स्थापित करने में मदद की। इसके अलावा, रवांडा और डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कॉन्गो के बीच संघर्ष को समाप्त करने में भी योगदान दिया। वर्तमान में, ट्रंप का ध्यान रूस-यूक्रेन और इजराइल-हमास संघर्ष को समाप्त करने पर केंद्रित है।