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अमेरिका का सीरिया में आईएस के खिलाफ बड़ा सैन्य अभियान

अमेरिका ने सीरिया में एक बड़े सैन्य अभियान की शुरुआत की है, जिसमें इस्लामिक स्टेट से जुड़े 70 ठिकानों को नष्ट किया गया है। यह कार्रवाई 13 दिसंबर को हुए हमले के प्रतिशोध में की गई, जिसमें दो अमेरिकी सैनिक और एक नागरिक मारे गए थे। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस हमले का बदला लेने का वादा किया था। जानें इस अभियान की पूरी जानकारी और इसके पीछे की रणनीति।
 

अमेरिकी सैनिकों की मौत का प्रतिशोध


13 दिसंबर को सीरिया में हुए एक हमले में दो अमेरिकी सैनिकों और एक नागरिक की मौत के बाद, अमेरिका ने इस्लामिक स्टेट (आईएस) के खिलाफ एक बड़ा सैन्य अभियान शुरू किया है। ट्रंप प्रशासन के निर्देश पर, अमेरिकी सेना ने आईएस से जुड़े 70 ठिकानों को नष्ट कर दिया है। यह जानकारी अमेरिकी अधिकारियों ने शुक्रवार को दी।


हमले में मारे गए अमेरिकी सैनिक

सीरिया के पाल्मायरा में हुए हमले में मारे गए दो अमेरिकी सैनिक और एक नागरिक का संबंध अमेरिका के आयोवा प्रांत से था, जिसे 'हॉकआई स्टेट' कहा जाता है। इसी कारण इस सैन्य अभियान का नाम 'आपरेशन हॉकआई' रखा गया है।


डोनाल्ड ट्रंप का बयान

अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि जिन ठिकानों को निशाना बनाया गया, उनमें आतंकियों के छिपने के स्थान और हथियारों के गोदाम शामिल हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमले की सूचना मिलने पर कहा था कि इसका बदला लिया जाएगा। अब, आईएस के ठिकानों पर हवाई हमले के बाद, ट्रंप ने कहा है कि उन्होंने अपना वादा पूरा किया।


जानकारी का स्रोत

अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने कहा कि यह किसी नई जंग की शुरुआत नहीं है, बल्कि यह उन लोगों के खिलाफ जवाब है जिन्होंने अमेरिकी सैनिकों की हत्या की। उन्होंने यह भी बताया कि 13 दिसंबर के हमले के बाद अमेरिका और उसके सहयोगियों द्वारा चलाए गए कई छोटे अभियानों में लगभग 23 लोग मारे गए या गिरफ्तार किए गए हैं। इन अभियानों के दौरान मिले इलेक्ट्रॉनिक सामान से महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त हुईं, जिनके आधार पर यह बड़ा हवाई हमला किया गया।