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अमेरिका की ब्रिक्स देशों को चेतावनी: भारी टैरिफ का खतरा

अमेरिका ने ब्रिक्स देशों को चेतावनी दी है कि यदि वे रूस से सस्ते तेल की खरीद जारी रखते हैं, तो उन पर 100 से 500 प्रतिशत तक के भारी टैरिफ लगाए जा सकते हैं। सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाया है, यह कहते हुए कि रूस से तेल खरीदना युद्ध का समर्थन करना है। जानें इस स्थिति का क्या असर हो सकता है और अमेरिका का अगला कदम क्या होगा।
 

अमेरिका की धमकी

हाल के दिनों में अमेरिका ने ब्रिक्स देशों को लगातार चेतावनी दी है। इस बार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के करीबी सहयोगी सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने भारत, चीन और ब्राजील को चेतावनी दी है कि यदि वे रूस से सस्ते तेल की खरीद जारी रखते हैं, तो उन पर भारी टैरिफ लगाया जाएगा, जिससे उनकी अर्थव्यवस्था को गंभीर नुकसान होगा।


टैरिफ की गंभीरता

सीनेटर ग्राहम ने स्पष्ट किया है कि यदि इन देशों ने उनकी बात नहीं मानी, तो उन पर 100 से 500 प्रतिशत तक के टैरिफ लगाए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि रूस से तेल खरीदना एक प्रकार से युद्ध का समर्थन करना है, और अमेरिका इसे बर्दाश्त नहीं करेगा। तीनों देशों को इसे तुरंत रोकना होगा।


ब्रिक्स देशों को दी गई चेतावनी

सीनेटर ग्राहम ने मीडिया से बातचीत में ब्रिक्स देशों को भी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि अमेरिका की बात नहीं मानने वाले देशों पर टैरिफ बढ़ा दिए जाएंगे। यदि ये देश उनकी बात मान लेते हैं, तो उन्हें छूट दी जाएगी। ग्राहम ने बताया कि ब्रिक्स देशों को पहले ही कई बार समझाया जा चुका है, लेकिन उनकी बातों को नजरअंदाज किया जा रहा है। इस बार अमेरिका का रुख सख्त है।


लिंडसे ग्राहम का राजनीतिक दृष्टिकोण

लिंडसे ग्राहम, जो ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी के वरिष्ठ सीनेटर हैं, को आक्रामक अमेरिकी विदेश नीति का समर्थक माना जाता है। वे रूस और चीन के खिलाफ कड़े रुख के लिए जाने जाते हैं और पहले भी कई मौकों पर ब्रिक्स देशों के मुद्दों पर अपनी राय व्यक्त कर चुके हैं।