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अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध में नया तनाव: ट्रंप की टैरिफ धमकी पर चीन की प्रतिक्रिया

अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव एक बार फिर से बढ़ गया है। ट्रंप ने चीनी उत्पादों पर नए टैरिफ लगाने की धमकी दी है, जिसे चीन ने 'दोहरा मापदंड' बताया है। बीजिंग ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि अमेरिका की नीतियों ने आर्थिक दबाव बढ़ाया है। जानें इस व्यापार युद्ध के पीछे की पूरी कहानी और चीन की चेतावनी।
 

अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध: तनाव की नई लहर


अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध: अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव एक बार फिर से बढ़ गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीनी उत्पादों पर 100 प्रतिशत नए टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है, जिसे चीन ने 'दोहरा मापदंड' बताया है। चीन के वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका का यह बयान दोहरे मानकों का उदाहरण है।


ट्रंप ने शुक्रवार को यह घोषणा की कि अमेरिका 1 नवंबर से चीनी वस्तुओं पर अतिरिक्त शुल्क लगाएगा। यह निर्णय चीन द्वारा रेयर-अर्थ मिनरल्स के निर्यात पर नए नियंत्रणों के जवाब में लिया गया है। ट्रंप ने चीन के इन कदमों को 'बेहद आक्रामक' करार दिया और चेतावनी दी कि वे इस महीने के अंत में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ होने वाली मुलाकात को रद्द कर सकते हैं।


चीन की प्रतिक्रिया

चीन ने किया पलटवार: बीजिंग ने अपने निर्यात नियंत्रण को 'वैध और आवश्यक' बताया है। चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि देश 'वैश्विक औद्योगिक और आपूर्ति श्रृंखलाओं की सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए सभी देशों के साथ संवाद बढ़ाने का इच्छुक है।' मंत्रालय ने अमेरिका पर आरोप लगाया कि सितंबर से अब तक वाशिंगटन की नीतियों ने चीन पर आर्थिक दबाव को बढ़ा दिया है। प्रवक्ता ने कहा कि इन कार्रवाइयों ने चीन के हितों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाया है और दोनों देशों के बीच आर्थिक वार्ता के माहौल को बिगाड़ा है।


चीन की चेतावनी

चीन ने अमेरिका को दी चेतावनी: चीन ने अमेरिका को चेतावनी दी है कि हर मोड़ पर ऊंचे टैरिफ की धमकी देना सही तरीका नहीं है। बीजिंग ने कहा कि ट्रंप प्रशासन को अपने गलत कदमों को सुधारना चाहिए और यह भी जोड़ा कि अगर अमेरिका अपनी गलत राह पर चलता रहा, तो चीन अपने वैध अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाएगा। चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि उसका रुख स्पष्ट है, हम व्यापार युद्ध नहीं चाहते, लेकिन उससे डरते भी नहीं। ट्रंप प्रशासन ने यह कदम ऐसे समय पर उठाया है जब अमेरिका में चुनावी माहौल गरम है और ट्रंप अपनी सख्त आर्थिक नीतियों के जरिए घरेलू समर्थन जुटाने की कोशिश में हैं। वहीं, चीन लगातार यह दावा कर रहा है कि वह निष्पक्ष व्यापार के पक्ष में है और किसी भी दबाव के आगे नहीं झुकेगा।