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अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता: क्या नए विवादों से बिगड़ेंगे रिश्ते?

इस सप्ताह लंदन में होने वाली अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता में कई नए विवादों का सामना करना पड़ सकता है। जिनेवा में हुए समझौते के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है, खासकर उन्नत सेमीकंडक्टर्स और चीनी छात्रों के वीज़ा को लेकर। राष्ट्रपति ट्रंप और शी जिनपिंग के बीच हुई बातचीत के बाद व्यापार वार्ता की घोषणा की गई है। क्या ये नए विवाद दोनों देशों के रिश्तों को और बिगाड़ देंगे? जानें पूरी कहानी में।
 

लंदन में व्यापार वार्ता का महत्व

इस सप्ताह लंदन में होने वाली अमेरिका-चीन व्यापार वार्ताएं कई नए विवादों को सामने लाएंगी, जो पहले से ही नाजुक समझौते को खतरे में डाल सकती हैं। पिछले महीने जिनेवा में दोनों देशों ने एक समझौते पर सहमति बनाई थी, जिसमें 90 दिनों के लिए एक-दूसरे पर लगाए गए 100% से अधिक टैरिफ को स्थगित रखने का निर्णय लिया गया था। इस व्यापार युद्ध ने वैश्विक मंदी की आशंका को जन्म दिया है।


ट्रंप का बयान

ट्रंप की घोषणा


हालांकि, इसके बाद से उन्नत सेमीकंडक्टर्स, 'रेयर अर्थ' खनिजों और चीनी छात्रों को अमेरिकी वीज़ा देने के मुद्दों पर तनाव बढ़ गया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पिछले गुरुवार को फोन पर लंबी बातचीत की, जिसके बाद ट्रंप ने सोमवार को लंदन में व्यापार वार्ता की घोषणा की।


मई 12 को जिनेवा समझौते के तुरंत बाद, अमेरिकी वाणिज्य विभाग ने कहा कि हुआवेई के Ascend AI चिप्स का उपयोग अमेरिकी निर्यात नियमों का उल्लंघन कर सकता है, क्योंकि इनका विकास अमेरिकी तकनीक से हुआ है। इस पर चीन ने नाराजगी जताई और अमेरिका से अपनी नीतियों में सुधार की मांग की।


चीन का यह भी आरोप है कि अमेरिका ने समझौते का उल्लंघन करते हुए न केवल AI चिप्स पर नियंत्रण लगाया, बल्कि चिप डिज़ाइन सॉफ्टवेयर की बिक्री भी रोकी और कुछ छात्रों के वीज़ा रद्द करने की बात कही।


चीन की स्थिति

चीन की मजबूत स्थिति


रेयर अर्थ खनिजों के मामले में चीन की स्थिति मजबूत है। अप्रैल से उसने सात प्रकार के खनिजों के निर्यात पर लाइसेंस अनिवार्य कर दिया है, जिससे वैश्विक वाहन उद्योग संकट में आ गया है। अमेरिका ने चीन पर समझौता तोड़ने का आरोप लगाया है, जबकि चीन ने कहा कि वह नियमन के अनुरूप लाइसेंस देने की प्रक्रिया जारी रखेगा।


छात्र वीज़ा का मुद्दा अब व्यापार विवाद का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। अमेरिका ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े या संवेदनशील क्षेत्रों में अध्ययन कर रहे छात्रों के वीज़ा रद्द करने की घोषणा की है, जिससे दोनों देशों के संबंध और बिगड़ सकते हैं।