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अमेरिका ने ईरान पर नए प्रतिबंध लगाए, भारतीय कंपनियों और नागरिकों को किया निशाना

अमेरिका ने ईरान पर आर्थिक दबाव बढ़ाने के लिए नए प्रतिबंध लगाए हैं, जिसमें नौ भारतीय कंपनियाँ और आठ नागरिक शामिल हैं। ये कंपनियाँ ईरानी तेल और पेट्रोकेमिकल्स के व्यापार में संलिप्त बताई गई हैं। इस कदम से अमेरिका की ईरान के प्रति कड़ी नीति का एक और उदाहरण सामने आया है। जानें इस प्रतिबंध के पीछे के कारण और इसके संभावित प्रभावों के बारे में।
 

अमेरिका का नया प्रतिबंधात्मक कदम

ईरान और अमेरिका के बीच तनाव किसी से छिपा नहीं है। हाल ही में, अमेरिका ने ईरान पर आर्थिक दबाव बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अमेरिका ने ईरान से जुड़े नवीनतम प्रतिबंधों के तहत नौ भारतीय कंपनियों और आठ भारतीय नागरिकों पर प्रतिबंध लगाया है। अमेरिका का आरोप है कि ये कंपनियाँ ईरानी तेल, पेट्रोलियम उत्पादों और पेट्रोकेमिकल्स के व्यापार में संलग्न हैं। अमेरिकी विदेश विभाग ने ईरानी पेट्रोलियम और पेट्रोकेमिकल उत्पादों के व्यापार में शामिल लगभग 40 व्यक्तियों, संस्थाओं और जहाजों पर प्रतिबंध लगाए हैं। इसके अलावा, अमेरिकी वित्त विभाग के विदेशी संपत्ति नियंत्रण कार्यालय (OFAC) ने ईरान से विदेशी अंतिम उपयोगकर्ताओं तक तेल और तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (LPG) की शिपमेंट को सुगम बनाने में उनकी भूमिका के लिए 60 व्यक्तियों, संस्थाओं और जहाजों को भी प्रतिबंधित किया है। चीन और संयुक्त अरब अमीरात की कुछ संस्थाओं पर भी इसी तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं। 


प्रतिबंधित भारतीय कंपनियाँ

आठ भारतीय रासायनिक और पेट्रोकेमिकल कंपनियाँ अब अमेरिकी विदेश विभाग की प्रतिबंधित सूची में शामिल हो गई हैं। इनमें मुंबई की सीजे शाह एंड कंपनी, केमोविक, मोदी केम, पारीकेम रिसोर्सेज, इंडिसोल मार्केटिंग, हरेश पेट्रोकेम, शिव टेक्सकेम और दिल्ली की बीके सेल्स कॉर्पोरेशन शामिल हैं। विदेश विभाग के अनुसार, इन कंपनियों ने पिछले कुछ वर्षों में करोड़ों डॉलर मूल्य के ईरानी पेट्रोकेमिकल आयात किए हैं, जिन पर अमेरिकी प्रतिबंध लागू हैं। इस सूची में पांच भारतीय नागरिक भी शामिल हैं, जिनमें केमोविक के निदेशक पीयूष मगनलाल जाविया, इंडिसोल मार्केटिंग के निदेशक नीति उन्मेश भट्ट, और हरेश पेट्रोकेम के निदेशक कमला कसाट, कुणाल कसाट और पूनम कसाट शामिल हैं। 


ईरानी LPG परिवहन में संलिप्तता

तीन भारतीय नागरिक वरुण पुला, इयप्पन राजा और सोनिया श्रेष्ठ को ईरानी LPG के परिवहन में संलिप्तता के कारण OFAC द्वारा नामित किया गया है। मुंबई की शिपिंग कंपनी वेगा स्टार शिप मैनेजमेंट, जो सोनिया श्रेष्ठ की स्वामित्व में है, को भी OFAC ने नामित किया है। यह कंपनी का जहाज, जो कोमोरोस का झंडा लिए हुए है, पाकिस्तान में ईरानी LPG का परिवहन करता था।