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अमेरिका ने गाजा में युद्धविराम समझौते की निगरानी के लिए सैनिक तैनात करने की योजना बनाई

अमेरिका ने गाजा पट्टी में इजरायल और हमास के बीच हुए युद्धविराम समझौते की निगरानी के लिए लगभग 200 सैनिकों को तैनात करने का निर्णय लिया है। ये सैनिक इजराइल में रहकर लॉजिस्टिक्स और अन्य सहायता प्रदान करेंगे। समझौते में बंधकों की रिहाई और कैदियों के आदान-प्रदान का प्रावधान है। यह समझौता दो वर्षों के संघर्ष के बाद हुआ है, जिससे वैश्विक चिंता बढ़ी थी। अमेरिका की इस पहल से स्थायी शांति और मानवीय राहत प्रयासों को मजबूती मिलने की उम्मीद है।
 

गाजा में युद्धविराम समझौते की निगरानी के लिए अमेरिकी सैनिक

अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिका ने गाजा पट्टी में इजरायल और हमास के बीच हुए युद्धविराम समझौते की निगरानी के लिए लगभग 200 सैनिकों को तैनात करने का निर्णय लिया है। एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने इस संबंध में जानकारी दी है।



अमेरिकी अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि ये सैनिक गाजा में नहीं जाएंगे, बल्कि इजराइल में रहकर लॉजिस्टिक्स, परिवहन, इंजीनियरिंग और अन्य सहायता प्रदान करेंगे। अमेरिका गाजा में एक पूरी टीम भेजेगा, जिसमें मिश्र, कतर और तुर्की के सैनिक भी शामिल होंगे, जो निगरानी और समन्वय में मदद करेंगे।


अधिकारियों के अनुसार, यह समझौता दोनों पक्षों की सहमति से हुआ है और इसमें बंधकों की रिहाई और कैदियों के आदान-प्रदान का प्रावधान है। इस समझौते के तहत 20 इजरायली बंधकों को हमास द्वारा रिहा किया जाएगा, जबकि इजराइल भी फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ने का वादा कर रहा है।


इसके अतिरिक्त, मृत बंधकों के शवों का भी आदान-प्रदान किया जाएगा। इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू के कार्यालय ने इस ऐतिहासिक समझौते को मंजूरी दे दी है, जो दो वर्षों के हिंसक संघर्ष के बाद संभव हुआ है, जिसने वैश्विक चिंता और विरोध को जन्म दिया।


जानकारी के अनुसार, युद्धविराम के 24 घंटे बाद अमेरिकी सैनिकों की तैनाती शुरू हो सकती है। उनका मिशन गाजा में मानवीय सहायता पहुंचाना और यह सुनिश्चित करना होगा कि सुरक्षा समझौते का पालन हो रहा है। अमेरिका की इस पहल से दोनों देशों के बीच स्थायी शांति और मानवीय राहत प्रयासों को मजबूती मिलने की उम्मीद है।