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अमेरिका ने चीन से सेमीकंडक्टर्स पर टैरिफ लगाने की घोषणा की

अमेरिका ने चीन से सेमीकंडक्टर्स के आयात पर टैरिफ लगाने का निर्णय लिया है, जो जून 2027 से लागू होगा। यह कदम चीन की सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में प्रभुत्व की कोशिशों को रोकने के लिए उठाया गया है। अमेरिका का मानना है कि यह टैरिफ अमेरिकी व्यापार और टेक्नोलॉजी क्षेत्र की सुरक्षा के लिए आवश्यक है। जानें इस निर्णय के पीछे की वजहें और इसके संभावित प्रभाव।
 

अमेरिका का नया टैरिफ निर्णय


नई दिल्ली: अमेरिका ने चीन से सेमीकंडक्टर्स के आयात पर टैरिफ लगाने का निर्णय लिया है। अमेरिकी प्रशासन के अनुसार, यह टैरिफ जून 2027 से प्रभावी होगा। अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि ने बताया कि इस कदम का उद्देश्य चीन की सेमीकंडक्टर उद्योग में प्रभुत्व की कोशिशों को रोकना और अमेरिकी व्यापार में बाधा डालने वाली गतिविधियों को नियंत्रित करना है। टैरिफ की दर का ऐलान एक महीने पहले किया जाएगा।


सेमीकंडक्टर जांच का परिणाम

यह निर्णय एक साल से चल रही जांच के बाद लिया गया है, जो पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन के आदेश पर शुरू हुई थी। इस जांच में यह देखा गया कि चीन से सेमीकंडक्टर के आयात से अमेरिकी व्यापार पर क्या प्रभाव पड़ रहा है। अमेरिकी अधिकारियों ने पाया कि चीन उद्योग में प्रभुत्व स्थापित करने के लिए ऐसे कदम उठा रहा है, जिससे अमेरिकी टेक्नोलॉजी कंपनियों और व्यापार को नुकसान हो सकता है।


चीन और अमेरिका के बीच तकनीकी तनाव

वर्तमान में अमेरिका और चीन के बीच तकनीकी और व्यापारिक तनाव बढ़ा हुआ है। अमेरिका ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है, जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चीन के साथ संबंध सुधारने की कोशिश कर रहे थे। अमेरिका चीन से रेयर अर्थ मिनरल्स की सप्लाई प्राप्त करने में भी जुटा हुआ है, जिनकी आवश्यकता वैश्विक टेक कंपनियों को होती है, और इस पर चीन का नियंत्रण है।


रेयर अर्थ मिनरल्स और अमेरिकी कदम

चीन ने रेयर अर्थ मिनरल्स की सप्लाई पर रोक लगा रखी है। इसे टालने और कंपनियों को समर्थन देने के लिए अमेरिका ने कुछ पुराने नियमों को वापस लिया है। इसमें वह कानून भी शामिल है, जिसमें अमेरिकी टेक कंपनियों को चीन की ब्लैकलिस्टेड कंपनियों को एक्सपोर्ट करने पर रोक थी। इसके अलावा, अमेरिका एनवीडिया के शक्तिशाली एआई चिप्स की सप्लाई को लेकर भी नियमों पर पुनर्विचार कर रहा है।


टैरिफ का उद्देश्य और प्रभाव

अमेरिका का कहना है कि चीन की चिप इंडस्ट्री पर दबदबा बनाने की कोशिश 'गैर-वाजिब' है। इसलिए जून 2027 से चीन से आयात होने वाले सेमीकंडक्टर चिप्स पर नए टैरिफ लगाए जाएंगे। इससे मौजूदा जीरो-ड्यूटी व्यवस्था समाप्त हो जाएगी और अमेरिकी कंपनियों को चीन पर निर्भरता कम करने का अवसर मिलेगा। अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि यह कदम अमेरिका के व्यापार और टेक्नोलॉजी क्षेत्र की सुरक्षा के लिए आवश्यक है।


अमेरिका और चीन के बीच आगे की रणनीति

अमेरिका चीन के साथ बातचीत जारी रखेगा, ताकि व्यापार और तकनीकी संतुलन बना रहे। अमेरिकी सरकार का मानना है कि इस टैरिफ से चीन को गैरकानूनी तरीके से बाजार पर दबदबा बनाने से रोका जा सकेगा। साथ ही, यह कदम अमेरिकी उद्योगों और वैश्विक टेक कंपनियों को चीन के प्रभाव से सुरक्षित रखने में मदद करेगा।