अमेरिका ने नाइजीरिया में ईसाइयों के खिलाफ हिंसा पर वीजा प्रतिबंध लगाए
वीजा प्रतिबंध की घोषणा
अमेरिका ने नाइजीरिया में ईसाई समुदाय के खिलाफ हो रही सामूहिक हत्याओं और हिंसा में शामिल नागरिकों और उनके परिवारों पर वीजा प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। अमेरिकी विदेश विभाग ने बुधवार को इस संबंध में एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि यह कदम पश्चिम अफ्रीका में चल रहे जटिल सुरक्षा संकट का हिस्सा है।
राष्ट्रपति ट्रंप का बयान
हाल ही में, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नाइजीरिया में चरमपंथी इस्लामवादियों द्वारा ईसाइयों की हत्या का उल्लेख किया। पिछले महीने, ट्रंप ने पेंटागन को नाइजीरिया में ईसाई उत्पीड़न के मामलों को देखते हुए संभावित सैन्य कार्रवाई की योजना बनाने का निर्देश भी दिया था।
विदेश मंत्री का बयान
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि अमेरिका नाइजीरिया और अन्य स्थानों पर चरमपंथी इस्लामी आतंकवादियों, फुलानी जातीय मिलिशिया और अन्य हिंसक तत्वों द्वारा ईसाइयों के खिलाफ हो रही सामूहिक हत्याओं और हिंसा के खिलाफ ठोस कदम उठा रहा है।
धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन
उन्होंने यह भी बताया कि यह नीति धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करने वाले अन्य देशों या व्यक्तियों पर भी लागू होगी। ये प्रतिबंध आप्रवासन एवं राष्ट्रीयता अधिनियम के तहत एक नई नीति के अनुरूप हैं। यह कदम तब उठाया गया जब अमेरिका ने नाइजीरिया को अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत विशेष चिंताजनक देश के रूप में नामित किया।
नाइजीरिया में हिंसा के कारण
नाइजीरिया में हमलों के कई कारण हैं, जिनमें धार्मिक प्रेरणा से होने वाले हमले, किसानों और चरवाहों के बीच संसाधनों को लेकर संघर्ष, बोको हराम जैसे चरमपंथी समूह और अपहरण के लिए सक्रिय सशस्त्र गिरोह शामिल हैं। नाइजीरिया की लगभग 22 करोड़ की जनसंख्या ईसाई और मुस्लिम समुदायों में समान रूप से विभाजित है।