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अमेरिका ने सीरिया में आईएस ठिकानों पर किया बड़ा हवाई हमला, जानें क्या है वजह

अमेरिका ने मध्य सीरिया में इस्लामिक स्टेट के ठिकानों पर एक बड़ा हवाई हमला किया है, जो हाल ही में हुए एक हमले का प्रतिशोध है जिसमें अमेरिकी सैनिक मारे गए थे। रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने इसे 'ऑपरेशन हॉकआई स्ट्राइक' का नाम दिया है। इस कार्रवाई में दर्जनों ठिकानों को निशाना बनाया गया है, और अमेरिकी वायुसेना के अत्याधुनिक विमानों का उपयोग किया गया। राष्ट्रपति ट्रम्प ने इस हमले के बाद कड़ी प्रतिक्रिया का आश्वासन दिया है। जानें इस हमले के पीछे की पूरी कहानी और इसके संभावित परिणाम।
 

सीरिया में अमेरिकी हवाई हमले की जानकारी


नई दिल्ली: अमेरिका ने शुक्रवार को मध्य सीरिया में इस्लामिक स्टेट (आईएस) के ठिकानों पर एक महत्वपूर्ण हवाई हमला किया। यह कार्रवाई हाल ही में हुए एक हमले के जवाब में की गई, जिसमें अमेरिकी सैनिकों की जान गई थी। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह कार्रवाई पूरी तरह से लक्षित थी और इसका उद्देश्य आईएस के नेटवर्क को कमजोर करना था।


ऑपरेशन हॉकआई स्ट्राइक का विवरण

अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने बताया कि यह सैन्य अभियान “ऑपरेशन हॉकआई स्ट्राइक” के तहत किया गया। इसमें आईएस के लड़ाकों, उनके बुनियादी ढांचे और हथियारों के ठिकानों को निशाना बनाया गया। उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में और सैन्य कार्रवाई की संभावना है।


यह कार्रवाई प्रतिशोध है, युद्ध नहीं

रक्षा सचिव ने स्पष्ट किया कि यह कदम किसी नए युद्ध की शुरुआत नहीं है। उन्होंने कहा कि यह प्रतिशोध की कार्रवाई है। हमने अपने दुश्मनों को खोजकर उन्हें समाप्त किया है, और यदि आवश्यक हुआ तो यह प्रक्रिया जारी रहेगी। उनका यह बयान सोशल मीडिया पर भी साझा किया गया।


हमले में दर्जनों ठिकानों को निशाना बनाया गया

अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि मध्य सीरिया में आईएस के कई ठिकानों पर हमले किए गए। ये ठिकाने आतंकवादी गतिविधियों, हथियारों के भंडारण और लड़ाकों की आवाजाही के लिए उपयोग किए जा रहे थे। इन हमलों के परिणामस्वरूप आईएस को भारी नुकसान हुआ है।


अत्याधुनिक विमानों का उपयोग

इस सैन्य अभियान में अमेरिकी वायुसेना के एफ-15 ईगल, ए-10 थंडरबोल्ट ग्राउंड अटैक एयरक्राफ्ट और एएच-64 अपाचे हेलीकॉप्टर शामिल थे। एक अधिकारी ने कहा कि भविष्य में भी इसी तरह की कार्रवाई की जा सकती है, लेकिन पेंटागन ने ऑपरेशन से जुड़े विस्तृत तकनीकी विवरण साझा करने से मना कर दिया है।


अमेरिकी सैनिकों की मौत के बाद बढ़ा तनाव

यह हवाई हमला पिछले सप्ताहांत सीरिया के पल्मायरा के पास एक हमले के बाद किया गया, जिसमें दो अमेरिकी सैनिक और एक नागरिक दुभाषिया मारे गए थे। अमेरिकी सेना के अनुसार, एक हमलावर ने अमेरिकी और सीरियाई बलों के काफिले पर हमला किया था, जिसे बाद में मार गिराया गया।


शहीद सैनिकों की पहचान

मारे गए अमेरिकी सैनिकों की पहचान सार्जेंट एडगर ब्रायन टोरेस-टोवर (25) और सार्जेंट विलियम नथानिएल हॉवर्ड (29) के रूप में हुई है। दोनों आयोवा नेशनल गार्ड के सदस्य थे। हमले में मारे गए नागरिक दुभाषिया की पहचान अयाद मंसूर सकत के रूप में की गई है, जो मिशिगन के निवासी थे।


हमलावर पर आईएस से संबंध का संदेह

सीरिया के आंतरिक मंत्रालय ने बताया कि हमलावर सीरियाई सुरक्षा बलों से जुड़ा हुआ था और उस पर इस्लामिक स्टेट के प्रति सहानुभूति रखने का संदेह है। इस खुलासे ने क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर नई चिंताएं पैदा कर दी हैं।


ट्रंप प्रशासन की कड़ी प्रतिक्रिया

इस घटना के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कड़ी जवाबी कार्रवाई का आश्वासन दिया था। व्हाइट हाउस की उप प्रेस सचिव अन्ना केली ने कहा कि राष्ट्रपति अपने वादे पर कायम हैं। उनके अनुसार, अमेरिका सीरिया में आईएस द्वारा किए गए हमलों को बर्दाश्त नहीं करेगा और अपने नागरिकों व सैनिकों की सुरक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएगा।